tag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post1288274276831253185..comments2024-03-11T07:18:50.122+05:30Comments on पुण्य प्रसून बाजपेयी: हिन्दी न्यूज चैनल की पत्रकारिताPunya Prasun Bajpaihttp://www.blogger.com/profile/17220361766090025788noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-59961739680634139412012-08-17T20:07:02.729+05:302012-08-17T20:07:02.729+05:30Zee News aap hi k hath me h..meri umeede h aapse.....Zee News aap hi k hath me h..meri umeede h aapse..Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/13001931767459512282noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-30307412823744709092012-08-17T17:47:42.075+05:302012-08-17T17:47:42.075+05:30प्रसुन जी, आप जीस तरीकेसे रात को बडी खबर मे खबर का...प्रसुन जी, आप जीस तरीकेसे रात को बडी खबर मे खबर का विश्लेषण करते हे शायद ही कोई और पत्रकार या न्युज टीव्ही का एंकर करता होगा. आप झी न्युज मे संपादक पद है लेकीन झी न्युज भी आज वही खडा नजर आ रहा है. आज हर न्युज चेनेल अपनी विश्वसनीयता खो चुका है. न्युज रिपोर्टर एक जोकर बनकर ही रह गया है. खबर का ज्ञान या पुरा वक्त ना होने की वजह से वो सिर्फ हूई घटना की रिर्पाटींग करता है. कहना गलत होगा लेकीन जो बाते आप ब्लॉग पर लिखते हे शायद वही अगर कभी बडी खबर मे दिखादे तो हिंदुस्थान के ज्यादा लोगो तक ये बात जाऐगी ओर उनकी समज भी बदल जायेगी. शायद ओर न्युज चेनलो के लोग भी अपना अतीत देखे. क्योकी अच्छी बाते पडने के लिये लोगो के पास वक्त नही हे. अगर हो सके तो मेरी बोतो पर गोर करेsharadhttps://www.blogger.com/profile/15364785416455314866noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-14078051251096245272012-08-15T13:36:41.349+05:302012-08-15T13:36:41.349+05:30आदरनीय प्रसूनजी,
इस बार आपने बहोत ही गंभीर और सवे...आदरनीय प्रसूनजी,<br /><br />इस बार आपने बहोत ही गंभीर और सवेदनशील नब्ज पकड़ने की कोशिस की है। आपका विश्लेषण सिर्फ हिंदी ही क्यूँ, अंग्रजी समाचार चैनलों पर भी लागू होता है। दोनों में अंतर बस इतना होता है की अंग्रजी समाचार के संवाददाता की प्रस्तुति थोड़ी अच्छी होती है, पर कंटेंट के मामले में दोनों का एक जैसा ही हाल है। कंटेंट के खस्ता हाल होने का कारण आपने खुद ही बहोत अच्छे तरीके के बताया है।टी.आर.पी क्या होती है ये हमारे जैसे आम पब्लिक के समझ से बहार है और कैसे यह समाचार चैनलों के फिनान्सिअल हेल्थ को प्रभावित करती है इससे भी हमारा कोई सरोकार नहीं है, पर एक बात जो साफ नज़र आती है, कि हमारे न्यूज़ चैनल जनता के मुद्दों के कटी हुई है। कोई क्रिकेट, कोई कॉमेडी, कोई फिल्म्स और ग्लैमौर के बदौलत अपने को मीडिया हाउस कह रहे हैं ताकि अद्वेर्तिस्मेंट के माध्यम से कमाई होती रहे ।<br /><br />एक घिसा-पीटा सा फ़ॉर्मूला इजाद कर लिया गया है, कि किसी भी एक टॉपिक को उठा लीजिये और एक भाजपा एक कांग्रेस के प्रवक्ता को बुला लीजिये, पार्टी प्रवक्ता ना मिले तो कुछ ऐसे वरिष्ठ पत्रकारों को बुला लीजिये जो या तो प्रो भाजपा या प्रो कांग्रेस बोलेंगे, एक उस टोपिक से जुड़े किसी प्रोफेस्सर या रेसेअर्चेर या कोई सेनिओर लाव्येर को बुला लीजिये और आधे घंटे में सब समेट लीजिये। आधा से ज्यादा समय तो ये पार्टी वाले एकदूसरे पर दोषारोपण करने में ही निकाल देते हैं। जो उस विषय के एक्सपर्ट हैं पुरे बहस में एक दो सवाल पूछ लिया जाता है। ये क्या है, ना आपने विषय को समझने की कोशिस की, ना ही उस विशेषज्ञ की बात सुनी और न ही पोलिटिकल पार्टी वाले ने आपको कुछ नया बताया। बहोत ही दयनीय स्थिति है यह । ये अंग्रेजी और हिंदी दोनों ही चंनेल्स पर लागू होता है। <br /><br />अन्ना हजारे और बाबा रामदेव के आन्दोलन के दौरान पुरे समय मैंने यह महसूस किया की किसी भी समाचार चैनल ने उन लोगों द्वारा उठाये गए सवालों पर एक भी सकारात्मक बहस नहीं कराया। अगर ये चाहते तो एक बढ़िया मत बना सकते थे समाज में, पर इन्होने नहीं किया । कांसेंसुस बनाने में ये एक अहम् रोल अदा कर सकते थे पर किये नहीं । लोकपाल के मुद्दे पर तो थोड़ी बहोत बहस हुई भी पर बाबा रामदेव के मुद्दे पर तो सब समय उनका चरित्र हनन पर ही जोर दिया गया। ये कैसी पत्रिकारिता है जो सिर्फ नकारात्मकता को बढावा दे रही है। मीडिया क्यों नहीं सकारात्मक विषय आधारित मुद्दों पर बहस करती या करवाती है ? क्या सिर्फ पोलिटिकल पार्टी का ही मत मायने रखता है ? आम लोगों तक किसी विषय की गंभीरता को बतलाना क्या मीडिया का काम नहीं है ? कितने समाचार चैनलों ने किसी गाँव या सहर या कॉलेज में जाकर इन मुद्दों पर बहस करवाई ? <br /><br />मीडिया एक माध्यम है जनता और व्यवस्था के बीच, अगर माध्यम अपना काम ठीक ढंग से नहीं करे, और जनता जब आक्रोशित हो और आवाज़ उठाये तो व्यवस्था जनता को लताडती है और मीडिया ना तो मूक रहती है और न अपना मुह खोलतीहै आपने आकाओं और व्यवस्था के गलतियों के खिलाफ। और शायद यही कारण है की आजकल हर जगह आप मीडिया कर्मी या मीडिया हौसेस के खिलाफ आवाज़ सुन सकते है । भले मीडिया उसे "इन्टरनेट हिन्दू" कहके ख़ारिज कर दे पर उसे भी सोचना जरुर पड़ेगा कि घटति विश्वशनीयता कितनी मददगार होगी ।<br /><br />ब्रजेश<br />मुंबई Brajeshhttps://www.blogger.com/profile/05627917656758646941noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-85223333399054791952012-08-15T10:47:41.947+05:302012-08-15T10:47:41.947+05:30KHABAR YA TRP . . .
SHOSAN . . . .YA PRMOTION . ...KHABAR YA TRP . . . <br /><br />SHOSAN . . . .YA PRMOTION . . .<br /><br />KABHI KABHI EK SATH 5 LOG BHI ISTIFA DE DETE HAI. . .YE JANTE HUYE . . NAUKRI KOI PAKA FAL NHI.. . . JISE JB CHAHE TOD LIYA. . .<br /><br />NEWS CNNL. . . EK CMPNY HAI. . . <br /><br />AUR CMPNY KA MTLB HAI EST INDIA CMPNY. . . . <br /><br />KEWAL PROFIT AUR PROFIT. . . . <br /><br />AUR AGR RA__L SI_HA<br /><br /><br />JAISE KHABAR PAHUCHANE WALE LOG . . . SNGMA KE GHAR PE SITE LAGA KE . . . JB LIVE PUCHHA JATA HAI MUSKRATE HUYE. . . . KI WAHAN KITNE LOG HAI. . . . KYA KOI MEDIA WALA PAHUCHA HAI. . ETYADI. . .<br /><br />TO YE SOCHNA PADHEGA KI YE RASTA JATA KIDHAR HAI. . . .<br /><br />AAP SE ACHCHHA KUN JANEGA KI. . . .PATNA LUCKNOW DELHI ME AGR MAHUL EK HAI. . . TO . . .RASTA NHI . . . . VATAVRN DUSIT HAI. . . . .<br /><br />SHAYAD AAJ JN KHABAR KA MATLB. . . SHOSAN HAI. . .<br /><br />AUR<br /><br />TRP/ POLTICL KHABAR KA MATLB PRMOTION AUR INAM HAI. . .<br /><br /><br />AMBRISH MISRA ( अम्बरीष मिश्रा )https://www.blogger.com/profile/12068476262948941211noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-21362417876807169142012-08-15T09:26:37.876+05:302012-08-15T09:26:37.876+05:30प्रसून जी आप अपना खुद का न्यूज़ चैनल क्यों नहीं शु...प्रसून जी आप अपना खुद का न्यूज़ चैनल क्यों नहीं शुरू करते हैंSaurav Guptahttps://www.blogger.com/profile/01997312936047539329noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-45804153630545645242012-08-15T09:21:27.633+05:302012-08-15T09:21:27.633+05:30This comment has been removed by the author.Saurav Guptahttps://www.blogger.com/profile/01997312936047539329noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-20564262005276162012-08-14T13:42:34.049+05:302012-08-14T13:42:34.049+05:30Media is now "DHANDHA BAN GAYA HE YE"Media is now "DHANDHA BAN GAYA HE YE"Pandyahttps://www.blogger.com/profile/07365261011684432614noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-27981961816345305132012-08-14T12:49:37.540+05:302012-08-14T12:49:37.540+05:30well said, bhrata shri.....
most of media persons...well said, bhrata shri.....<br /><br />most of media persons r involved in blackmail, deals, commissions. they talk like spokesperson of congress.<br />they r discussing abt political intensions of ramdev, but they r not worried abt treaty with switzerland by pra==n=a=v mukherji.<br />dr.dharmendra guptahttps://www.blogger.com/profile/08582167955664834420noreply@blogger.com