tag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post1582505510373175403..comments2024-03-11T07:18:50.122+05:30Comments on पुण्य प्रसून बाजपेयी: उम्मीद की विरासत में "रावण" और “शिंबोर्स्का”Punya Prasun Bajpaihttp://www.blogger.com/profile/17220361766090025788noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-18626150419110545372010-07-08T14:41:56.470+05:302010-07-08T14:41:56.470+05:30वैसे में ज्यादा फिल्मे तो देखता नहीं, पर राजनीति द...वैसे में ज्यादा फिल्मे तो देखता नहीं, पर राजनीति देखने का मन था - नहीं देखि. पर रावण देखने का मन तो बिलकुल ही नहीं था. कारन जो भी - अब अपने को दिल की आवाज पर भरोसा हो गया है. <br />दूसरी बात, जिस प्रकार आज राजनीतिक परिवारों के बच्चे - राजनीती का कक्काहरा सिखने के लिए तुरंत विधयक की टिकट से सुरुवात करते हैं - उसी प्रकार अभिषेक बच्चन जैसे अदाकार भी सिर्फ बाप हीरो था इसलिए फिल्म में हीरो बन जाते हैं.दीपक बाबाhttps://www.blogger.com/profile/14225710037311600528noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-45163696247093968332010-06-25T03:35:31.339+05:302010-06-25T03:35:31.339+05:30सही है सर..."हमें विरासत में उम्मीद भी मिली ह...सही है सर..."हमें विरासत में उम्मीद भी मिली है...और मिला है विस्मृति का वरदान,तुम देखोगे कि किस तरह हम,विनाश के बीच सृजन के बीज बोते हैं.."- विस्साव शिंबोर्स्का<br /><br />न तो मणिरत्नम की 'रामायण' में दम था और न ही प्रकाश झा की 'महाभारत' में...<br /><br />अब ऐसा तो था नहीं कि मणिरत्नम नहीं जानते कि अभिषेक के बस का बीरां का रोल था नहीं...हिन्दी के दर्शक भी अभिषेक को देव के रोल में पसंद करते और विक्रम को बीरां के रोल में...विक्रम की अदाकारी से सब वाकिफ हैं और अपरिचित फिल्म में उन्होंने जैसा डर पैदा किया वो रावण में बीरां बनकर भी पैदा कर देते उन्हें किस झिक-झिक झिक झिक की जरुरत नहीं पड़ती लेकिन मणिरत्नम दबाव में बो रहे थे सृजन के बीज...और वो ये भी जानते हैं कि जो फायदा उन्हें लेना था वो तमिल फिल्म के जरिए उठा लेंगे..विस्मृति का वरदान तो दर्शकों को मिला ही हुआ है...ऋचा साकल्लेRicha Sakalleyhttps://www.blogger.com/profile/12710757677242751112noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-39001525336848626692010-06-23T19:43:41.255+05:302010-06-23T19:43:41.255+05:30पुण्य प्रसून जी! आपकी पूरी समीक्षा का निचोड़ अंतिम ...पुण्य प्रसून जी! आपकी पूरी समीक्षा का निचोड़ अंतिम पंक्तियों में समाया है… जो बात आपने कह दी, उसके बाद फिल्म का औचित्य समाप्त हो जाता है... दरसल इस फिल्म के पहले भाग को संतोष शिवन के भरोसे नेशनल ज्योग्रैफिक की तरह बनाया गया है... यह खेल हम पहले भी अशोका में देख चुके हैं... बीरा को ओंकारा बनाने के लिए जितना ओजपूर्ण गीत लिखा गया और संगीतबद्ध किया गया, वो सब अभिषेक के अभिनय ने मिट्टी में मिला दिया (यदि उसे अभिनय कहें तो)... सभी सहकलाकारों ने बहुत अच्छा काम किया है...सम्वेदना के स्वरhttps://www.blogger.com/profile/12766553357942508996noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-80291755971487695992010-06-23T18:56:59.641+05:302010-06-23T18:56:59.641+05:30प्रसून जी बहुत सटीक विश्लेषण किया है आपने। मैंने त...प्रसून जी बहुत सटीक विश्लेषण किया है आपने। मैंने तो बहुत दिन बाद कोइ्र फिल्म फस्र्ट डे फस्र्ट शो देखी, वह भी इतनी घटिया। <br />बात जहां तक अमिताभ की है। उनकी और अभिषेक की सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि दोनों में से कोई भी यह मानने को तैयार नहीं कि अभिषेक अभिनय नहीं कर सकते। इतना समय हो गया है अभिषेक को लेकिन एक आध फिल्म छोड़ दे तो किसी भी फिल्म में वे अभिनय करते नहीं दिखे। जिस व्यक्ति से मणिरत्नम अभिनय नहीं करा सकते उससे क्या उम्मीद की जा सकती है। पहले यह कहा गया कि उन्हें अच्छे निर्देशक नहीं मिले इसलिए उनकी प्रतिभा नहीं निखर कर नहीं आ रही है। अब उन्हें और कौन सा निर्देशक चाहिए। यह बड़ा सवाल है। अभिषेक पढ़े लिखे है नौजवान हैं उन्हें नौकरी मिल सकती है या फिल्म बिजनेस भी कर सकते हैं। वे बेवजह यहां समय बर्बाद कर रहे हैं। मजे की बात यह है कि अमिताभ कह रहे हैँ कि फिल्म का संपादन ठीक प्रकार से नहीं हुआ। अरे संपादक का क्या खुद थोड़े ही अभिनय करेगा। उसे जो कुछ मिला है उसी से ही सर्वश्रेष्ठ देगा ना। टीवी का तो पता नहीं पर अखबार में अक्सर ऐसे आरोप रिपोर्टर डेस्क वालों पर लगाते हैं। खैर अब अमिताभ और अभिषेक की मर्जी हम और आप क्या कर सकते हैं।पंकज मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/05619749578471029423noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-9749316875314811942010-06-23T18:51:11.823+05:302010-06-23T18:51:11.823+05:30आपसे नारा$जगी है प्रसून जी. शिंबोस्र्का की कविताओं...आपसे नारा$जगी है प्रसून जी. शिंबोस्र्का की कविताओं को आपने जाया किया है. ये अच्छी बात नहीं.Pratibha Katiyarhttps://www.blogger.com/profile/08473885510258914197noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-30061652646128770992010-06-23T14:35:30.902+05:302010-06-23T14:35:30.902+05:30good review sir.good review sir.anoop joshihttps://www.blogger.com/profile/14146375128512331870noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-7584223882986539002010-06-23T13:59:33.716+05:302010-06-23T13:59:33.716+05:30WHAT'S IN A NAME? ROMEO AND JULIET KA YE QUOTE...WHAT'S IN A NAME? ROMEO AND JULIET KA YE QUOTE YAHI GALAT HO JATA HAI, KYOKI RAM RAM HI RAHEGA AUR RAWAN RAWAN HI RAHEGA. ISLIYE , VIRASAT ME HAR MILI UMMID SAHI NAHI HO SAKTI.Sarita Chaturvedihttps://www.blogger.com/profile/12249338250065099175noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-15393978290763770772010-06-23T13:54:11.043+05:302010-06-23T13:54:11.043+05:30हम चाहे शब्दों के कितने खेल खेल ले .....तोड़ मोड़ ...हम चाहे शब्दों के कितने खेल खेल ले .....तोड़ मोड़ करके कितनी व्याख्या कर ले .....पर इस फिल्म को...इसके सब्जेक्ट को बेहतरीन नहीं बना सकते.....फिल्म सिर्फ संतोष शिवन की है ....मणि रत्नम फेक्टर गायब है ....जब युवा देखता हूँ या दिलसे को याद करता हूँ तो उसके पीछे के सन्देश को भी याद करता हूँ या एक थीम को पकड़ता हूँ....युवा में सन्देश साफ़ था अगर बदलाव लाना है तो युवा पीढ़ी को सत्ता में दाखिल होना पड़ेगा.....दिल से नायक अपने प्यार ओर देश दोनों के साथ न्याय करता है ....बॉम्बे एक लव स्टोरी के बहाने कई सवालों को साथ उठाती थी.........यहाँ तर्क गायब है ....एक हिस्से के तर्क है......मणि रत्नम में एक खूबी थी वे किसी कंटेंट को कमर्शियल एंगल के साथ समान्तर रखते हुए आम दर्शक को अपने साथ जोड़े रखते थे .........यहाँ वे अपनी क्लास से अलग होते प्रतीत हुए है .......अमिताभ पिछले कुछ सालो से सिर्फ पिता सरीखा व्योव्हार करने लगे है .निष्पक्ष कलाकार सा नहीं.....डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.com