tag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post2918971110413978869..comments2024-03-11T07:18:50.122+05:30Comments on पुण्य प्रसून बाजपेयी: स्लमडॉग मिलेनियर से मार्केटडॉग मिलेनियर तकPunya Prasun Bajpaihttp://www.blogger.com/profile/17220361766090025788noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-51366651244569637362009-01-17T19:54:00.000+05:302009-01-17T19:54:00.000+05:30जब मैं लिख रहा हूँ "खुल के बोल" तो बहुत सम्भावना ह...जब मैं लिख रहा हूँ "खुल के बोल" तो बहुत सम्भावना है कि इसे भडास निकालने के समतुल्य मान लिया जाए ....इसलिए ज़रूरी लग रहा है कि शुरुआत में ही इसे साफ कर दूँ कि "खुल के बोलना " क्या है ? जब -जब भडास शब्द सुनता हूँ यह महसूस होता है कि भडास चिंतन और वैचारिक प्रक्रिया से जुडने की बजाय कुंठा को अभिव्यक्त करता है । हमारे मन में किसी स्थिति या व्यवस्था या विशेष मानसिकता के प्रति आक्रोश होता है और तुरत-फुरत मौका मिलते ही हम उसे उगल देना चाहते हैं इस पूर्वाशा के साथ कि इससे मन हलका हो जाएगा और वापस काम पर चलेंगे तो ताज़ादम हो कर । लेकिन होता अक्सर यह है कि तुरत-फुरत में हलका किया गया मन हमेशा के लिये एक कुंठा से ग्रसित हो जाता है क्योंकि यह आसान काम लगता है कि गालियाँ बक दो ,थूक दो ,उगल दो और फारिग हो जाओ । दूसरी ओर ,एक थोडी जटिल व संतुलित स्थिति यह बनती है कि आक्रोश की वजहों को तलाशा जाए , चिंतन और मनन किया जाए और तब उस व्यक्तिगत अनुभव का सामान्यीकरण करके विषय को सार्थकता की ओर ले जाने का प्रयास हो । खुल के बोलने से निरभयता की ओर संकेत है । निर्भयता के माने दीवार की ओर मुँह करके बॉस को चार गाली देना नही है । निर्भयता के माने हैं व्यवस्थाजन्य दबावों और दुनियावी तौर तरीकों के पाश से मुक्त हो कर सही को सही और गलत को गलत कह सकने की हिम्मत होना । नफे -नुकसान की राजनीति की परवाह के बिना अपने विचारों को कह सकना ।<BR/>इस ब्लॉग के पीछे मेरा यही उद्देश्य है कि कैसे मैं दबावों से मुक्त रहकर वो कह सकता हूँ जिसे मैं वाकई कहना चाहता हूँ क्योंकि यह वास्तव में एक सांसारिक जीव के लिये एक दुश्कर कार्य है ।<BR/>Email -neeraj.rana786@gmail.comNeeraj singhRanahttps://www.blogger.com/profile/09591571087719504148noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-82207876306951339352009-01-17T19:49:00.000+05:302009-01-17T19:49:00.000+05:30This comment has been removed by the author.Neeraj singhRanahttps://www.blogger.com/profile/09591571087719504148noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-57148572038182575992009-01-17T18:49:00.000+05:302009-01-17T18:49:00.000+05:30globalization ke is chaka-choundh me aaj har koi m...globalization ke is chaka-choundh me aaj har koi millionaire banna chahta hai...chahe woh hindi pati ke gaon ka ho ya fir metro sehar kaashok dubeyhttps://www.blogger.com/profile/05104993946658389378noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-6433536876355249082009-01-17T13:20:00.000+05:302009-01-17T13:20:00.000+05:30sir , आपके से विचारो से प्रभावित होकर ही ये प्रयास...sir , आपके से विचारो से प्रभावित होकर ही ये प्रयास किया है<BR/> आपके सहयोग और मार्गदर्शन की अपेक्छा है हिन्दी के लिए मुझे आपके सहयोग की जरूरत है<BR/>अपने विचार हमें जरुर भेजे .http://www.cg4bhadas.blogspot.com/<BR/>www.cg4bhadas.com <BR/> <BR/>ravikantcg4bhadas.comhttps://www.blogger.com/profile/05378309810586206200noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-76718575407835523532009-01-17T11:26:00.000+05:302009-01-17T11:26:00.000+05:30...Bahut khoob.Prasun ji kabhi hamare blog par bhi......Bahut khoob.Prasun ji kabhi hamare blog par bhi ayen !!KK Yadavhttps://www.blogger.com/profile/05702409969031147177noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-60452598281838454322009-01-14T19:00:00.000+05:302009-01-14T19:00:00.000+05:30समकालीन परिवेश से जोड़ता यथार्थ विश्लेषण..प्रसून ज...समकालीन परिवेश से जोड़ता यथार्थ विश्लेषण..प्रसून जी को साधुवाद !!Akanksha Yadavhttps://www.blogger.com/profile/10606407864354423112noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-39775548283205796252009-01-14T09:44:00.000+05:302009-01-14T09:44:00.000+05:30सत्यम का सुनामी भारतीय अर्थ व्यवस्था की पोल खोल कर...सत्यम का सुनामी भारतीय अर्थ व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी हैं।किस तरह आकङे के खेल में आम भारतीय को लूटा जा रहा हैं इससे वेहतर उदाहरण क्या हो सकता हैं।<BR/>पता नही मनमोहन सिंह के कार्यकाल के पूरे होते होते और क्या सब देखने को मिलेगा <BR/>संतोष(ई0टी0भी0)संतोष कुमार सिंहhttps://www.blogger.com/profile/08520071837262802048noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-91421060632760778762009-01-14T02:04:00.000+05:302009-01-14T02:04:00.000+05:30स्लमडॉग नेट पर देख चुका हूं..राजू द फ्रॉड को खबरों...स्लमडॉग नेट पर देख चुका हूं..राजू द फ्रॉड को खबरों के रूप में लगातार टीवी पर देख रहा हूं...लेकिन स्लमडॉग को मार्केटडॉग के साथ जोड़ पाना..इस खूबी से तुलना कर पाना..समझा पाना..कागज के पुराने पन्नों को इस तरह सामने ला पाना..कल को आज..सिनेमा को असल जिंदगी से इस तरह जोड़कर..बहुत अच्छा लिखा आपने..ऐसी पोस्ट या लेख लिख पाना..आपके जैसे चंद पत्रकारों के बस की ही बात है..जिन दूसरे बुद्धिजीवी और बड़े पत्रकारों,के बारे में अभी जानकारी नहीं,देखा या पढ़ा नहीं है...उनसे मैं माफी चाहूंगा....चीजों को साफ समझाने,दिखाने की कोशिश करती ये पोस्ट है..वैसे भी अकसर आप बहुत अच्छा लिखते हैं..बोलते तो हमेशा अच्छा हैं..हालांकि मैं ये भी कहना चाहूंगा कि कई बार किसी बड़े,प्रसिद्ध,सीनियर,जाने-माने पत्रकार (संपादक,),व्यक्ति की तारीफ करने को, दूसरे लोगों के साथ-साथ जिसकी तारीफ आप कर रहें हैं..चापलूसी या स्वार्थ की कलम से लिखा समझकर हलके में ले लिया जाता है..लेकिन ताजमहल को ताजमहल..हवामहल को हवामहल ही कहा जाएगा..बस इतना हीvipin dev tyagihttps://www.blogger.com/profile/08588455493873526666noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-83239398961916957582009-01-13T23:05:00.000+05:302009-01-13T23:05:00.000+05:30Respected Prasoon ji,Hamare desh men abhee kitne a...Respected Prasoon ji,<BR/>Hamare desh men abhee kitne aur Raju paida honge..kisi ko andaj bhee naheen hoga.Jis desh men ye parampara hee ban gayee ho ki ghar men kisi ek nithalle,bekar parantu Frod,for twenty karne men mahir,svabhav se shatir dimag,aur naye apradhon ko anjam dene kee himmat rakhne vale ,vyakti/bete ko rajneeti men kisi tarah se ghuspath kara dee jaya.To us desh men..Ram linga raju,Akhand Pratap singh,Harshad Mehta(soochee bahut badee hai)jaise maharathiyon ka paida hona koi ashcharya janak bat naheen hai.Han inka achanak janta ke samne aa jana desh kee janta ko jaroor hairat men dal deta hai.Ki are ye aisa bhee ho sakta hai....?<BR/>Vase ek achchhee tulnatmak vivechna ke liye hardik badhai.<BR/>Hemant Kumarडा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03899926393197441540noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-16300957148697739902009-01-13T19:54:00.000+05:302009-01-13T19:54:00.000+05:30yakinan ye film nahin haqeeqat hai. sundar vishles...yakinan ye film nahin haqeeqat hai. sundar vishleshan hai prasoon ji.Pratibha Katiyarhttps://www.blogger.com/profile/08473885510258914197noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-2166750793049420742009-01-13T14:57:00.000+05:302009-01-13T14:57:00.000+05:30SLUMDOG MILLIONAIRE KOI KOI HI BANTA HAI AUR MARKE...SLUMDOG MILLIONAIRE KOI KOI HI BANTA HAI AUR MARKETDOG MILLIONAIRE BHI SAB NAHI BAN JATE....LEKIN VYAWASTHA AISI HAI JISME DONO KA STHAN SURACHIT HAI...JAISA KI AAPNE HI KAHA..KYOKI AMERIKI BAJARWAD PAR MANMOHAN SINGH KI MUHAR HAI.....Sarita Chaturvedihttps://www.blogger.com/profile/12249338250065099175noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-80825599328933090382009-01-13T13:17:00.000+05:302009-01-13T13:17:00.000+05:30प्रसूनजी, क्या खूब तालमेल बिठाया है आपने सलीम, जम...प्रसूनजी, क्या खूब तालमेल बिठाया है आपने सलीम, जमाल और राजू का। तीनों की कड़ियां कहीं न कहीं अमेरिकी बाजारवाद की बयार में बह रही भारतीय व्यवस्था की ही नहीं, बल्िक उस शाइनिंग इंडिया की मैली छवि की भी झलक है, जो ऊपर से दिखती कुछ और है। आपने आखिर में यह सवाल सही उठाया है कि राजू को सजा देने भर से क्या होगा, गर वह व्यवस्था न बदली जाए, जिसके कारण ऐसे राजू पैदा हुए। मेरा सवाल यह है कि कहीं मार्केटडॉग मिलियनेयर का पराभव और स्लमडॉग मिलियनेयर का उद्भव कहीं इस देश के भविष्य की काली परछाई तो नहीं? अगर ऐसा हुआ तो हमें ऑस्कर व गोल्डन ग्लोब तो कई मिलेंगे, आम आदमी का क्या होगा?Soumitra Royhttps://www.blogger.com/profile/07597573071553098150noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-30713506167371883072009-01-13T11:11:00.000+05:302009-01-13T11:11:00.000+05:30Oh! Kya partaal ki hae...wah ji wah maan gae bajpa...Oh! Kya partaal ki hae...wah ji wah maan gae bajpaey ji aapko.इरशाद अलीhttps://www.blogger.com/profile/15303810725164499298noreply@blogger.com