tag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post3279163170407539788..comments2024-03-11T07:18:50.122+05:30Comments on पुण्य प्रसून बाजपेयी: पहले सिस्टम करप्ट था अब करप्शन ही सिस्टम तो नहीं हो चला ?Punya Prasun Bajpaihttp://www.blogger.com/profile/17220361766090025788noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-60538189042182029352016-12-13T19:58:53.436+05:302016-12-13T19:58:53.436+05:30बाजपेयी साहब,
बहुत उम्दा विश्लेषण प्रस्तुत किया आप...बाजपेयी साहब,<br />बहुत उम्दा विश्लेषण प्रस्तुत किया आपने। एकदम सपाट सच।बवालhttps://www.blogger.com/profile/11131413539138594941noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-24546949628952148022016-12-13T17:17:42.657+05:302016-12-13T17:17:42.657+05:30जब्त नोट जिस तादात अौर शक्ल में है, उससे जाहिर होत...जब्त नोट जिस तादात अौर शक्ल में है, उससे जाहिर होता है कि ये सिर्फ बैंक कर्मचारियों से मिलकर या लोगों को लाईन में खड़ा करा कर नही बदले गये हैं। क्योंकि इतनी तादात में तों बैंक ब्रांचों को नोट मिल भी नही रहे हैं। एेसा लगता है कि इनका सोर्स अारबीअाई जैसा ही कोई है, जहाँ से कर्मचारियों से मिलकर इसे अंजाम दिया जा रहा है।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/11116637111512770464noreply@blogger.com