tag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post4181512631145565331..comments2024-03-11T07:18:50.122+05:30Comments on पुण्य प्रसून बाजपेयी: तो खबरें दिखायी देगी न्यूज चैनलों परPunya Prasun Bajpaihttp://www.blogger.com/profile/17220361766090025788noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-80202268460395102992011-08-26T23:00:43.696+05:302011-08-26T23:00:43.696+05:30केबल वालों की इस हरकत को आप क्या नाम देंगें ? यह स...केबल वालों की इस हरकत को आप क्या नाम देंगें ? यह सेंसर से भी बुरा है । बात सिर्फ़ यहीं तक नही है , ब्लू फ़िल्में भी दिखाई जा रही हैं केबल पर ।<br /><br />www.biharmedia.comMadan tiwaryhttps://www.blogger.com/profile/04186760897066722174noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-86958428229212095082011-08-10T20:25:58.266+05:302011-08-10T20:25:58.266+05:30संस्थाओं का पतन चहुऔर दिखाई देता है।यक्ष प्रश्न य...संस्थाओं का पतन चहुऔर दिखाई देता है।यक्ष प्रश्न यह है कि निराशा के भंवर में गोते लगाकर रुदन करें या खुद को बेहतर बनाकर नयी शुरुआत करें?जानकारीपरक आलेख के लिए आभार।रोहित बिष्टhttps://www.blogger.com/profile/00332425652423964602noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-3248176114643253972011-08-10T18:59:08.952+05:302011-08-10T18:59:08.952+05:30प्रसून जी आप जो आकडे दे रहे हैं वे आपकी बिरादरी के...प्रसून जी आप जो आकडे दे रहे हैं वे आपकी बिरादरी के आत्मच आंकलन के लिऐ अच्छेन हैं पर आम पाठक या दर्शक तो इससे ही खौफजदा हैं कि व्यकवसायगत पारंम्पारिक पत्रकार अब नही रहे, सब रागदरबारी से प्रतीत होते हैं, सरकार ही नही अब छोटे छोटे शासकीय, गैरशासकीय कार्यालय और अस्पेताल,स्कू ल भी मीडिया सैटिंग के बडे बडे बजट रख रहे हैं, और बात बात में कहते हैं समय समय पर रोटी डालनी पडती हैं, दरअसल राजनीति को दोष् देना अब ठीक नही क्यो की इनके लिऐ पांच सालो के बाद एक परीक्षा तो हैं आपके ही शब्दो में माफिया किस्मष के लोग मीडिया को चला रहे हैं, आखिर क्योच ...., क्योेकी की पत्रकारो की स्वंय की कोई जमात नही हैं , एक सर्वे हो जाऐ कौन और कैसे लोग पत्रकार हैं , शर्म आऐगी प्रजातंत्र के चौथे स्तं म्भश के आकडे देख कर, पुलिस प्रशासन के दलाल बने विज्ञापनो के लिऐ गिडगिडाते लोग ही तो मीडिया को चला रहे हैं, समाचारो की बात तो अब खत्म ही समझो चीख चीख कर प्रायोजित कोसने की प्रक्रिया को अगर समाचार कहते हैं तो भगवान ही मालिक हैं , खैर कौऐ के पीछे भागने से बेहतर हैं कान टटोला जाऐ क्येाचकी ये समझ में सब को आ रहा हैं, नाई विकास की बाते करते करते बाल के बजाय कान गला काटने में लग गया हैं .......सतीश कुमार चौहान भिलाईसतीश कुमार चौहानhttps://www.blogger.com/profile/00624509331785485261noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-63632436602490548692011-08-10T13:11:34.664+05:302011-08-10T13:11:34.664+05:30वैसे भी मीडिया वास्तविक खबरों को छिपाता है...आप इस...वैसे भी मीडिया वास्तविक खबरों को छिपाता है...आप इस लिंक को देख कर आत्मवलोकन कर सकते है...<br />http://www.saveindianrupeesymbol.org/R. K. Singhhttps://www.blogger.com/profile/17461016288663921176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-21485739184517810982011-08-10T13:11:16.579+05:302011-08-10T13:11:16.579+05:30वैसे भी मीडिया वास्तविक खबरों को छिपाता है...आप इस...वैसे भी मीडिया वास्तविक खबरों को छिपाता है...आप इस लिंक को देख कर आत्मवलोकन कर सकते है...<br />http://www.saveindianrupeesymbol.org/R. K. Singhhttps://www.blogger.com/profile/17461016288663921176noreply@blogger.com