tag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post4677058010363419438..comments2024-03-11T07:18:50.122+05:30Comments on पुण्य प्रसून बाजपेयी: मोदी राज में 25 बरस पीछे लौट गयी बिहार की सियासी बिसातPunya Prasun Bajpaihttp://www.blogger.com/profile/17220361766090025788noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-58298169750935322372014-08-29T11:21:32.084+05:302014-08-29T11:21:32.084+05:30जब भी 30-40 प्रतिशत वोटिंग होगी तो जातिवादी, परिवा...जब भी 30-40 प्रतिशत वोटिंग होगी तो जातिवादी, परिवारवादी और फर्ज़ी सेक्युलर पार्टियों की जीत तय है, क्योंकि 15% मुस्लिम तो भेड़ बकरियों की तरह ऐसे सेकुलरिज्म के ठेकेदारों को ही वोट करते हैं जो उनकी जीत और प्रजातंत्र की हार तय कर देता है। फिर विकास, रोज़गार जैसे मुद्दों को पूछने वाला कोई नहीं होता क्योंकि कुछ लोगों के लिए विकास और रोज़गार से ज्यादा महत्वपूर्ण टोपी और दाढ़ी लगा कर घूमना है। इसलिए दिग्विजय सिंह की एक बात से तो सहमति रखनी पड़ेगी की लोकसभा चुनाव भाजपा नहीं संघ लड़ रहा था, और स्वयंसेवकों ने ये निश्चित किया की अधिक से अधिक वोटिंग हो और 60-70% तक वोटिंग हुई भी। तभी तो सेकुलरिज्म और जातिवाद के सारे ठेकेदार ज़मीन सूंघते रह गए। दुर्भाग्य से वोटिंग का वही पुराना 30-40 % वाला ढर्रा लौटता दिख रहा है।Anonymousnoreply@blogger.com