tag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post5012068631966878492..comments2024-03-11T07:18:50.122+05:30Comments on पुण्य प्रसून बाजपेयी: प्यादे से वजीर और सरोकार को नजीर बनाने का फैसलाPunya Prasun Bajpaihttp://www.blogger.com/profile/17220361766090025788noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-24474966198425846442012-03-09T13:46:09.669+05:302012-03-09T13:46:09.669+05:30लोकतंत्र को इसी कारण सर्वोत्तम शासन प्रणाली कहा जा...लोकतंत्र को इसी कारण सर्वोत्तम शासन प्रणाली कहा जाता है. जहाँ जनता चाह ले तो बड़े बड़े सूर्माओ को धुल-धस्रीत कर अपने चौखट पर शीश नवाने को मजबूर कर देता है. दंभ को रौंद कर दम्भी के मस्तक को अपना चरणधूलि बना लेता है. इस चुनाव ने एक बार फिर इस बात को स्थापित किया है. इस कथन की पुष्टि एक बार फिर होती है, और हमारे नेताओं को यह समझना चाहिए, कि कुछ लोगों को कुछ समय तक मुर्ख बनाया जा सकता है कुछ को हमेशा मुर्ख बनाया जा सकता है लेकिन सभी लोगों को हमेशा के लिए मुर्ख नहीं बनाया जा सकता है. नेताओं को अब यह बात गाँठ बांध लेना चाहिए कि आपको लोगों ने जिस अपेक्षा और आकांक्षा के साथ सत्ता दी है आपको उसपर खरा उतरना ही होगा नहीं तो उत्तर प्रदेश कि तरह सत्ता से बेदखल होना होगा. जनता अब काम काज का मूल्याङ्कन सीख चुकी है और उन्हें आंकड़ो कि बाजीगिरी और आश्वाशन के कोरे लालच से मुर्ख नहीं बनाया जा सकता है. आज हमारे कुछ वर्ग के प्रतिनिधि सामंतबाद के विरोध के बल पर सत्तासीन तो होते है लेकिन सत्ता पर काबिज होने के पश्चात सामंतबाद के सारे अवगुण को अपने में समाहित ही करते नजर आते हैं. यही कारण है कि मौका मिलते ही फिर जनता उन्हें नकार देती है. राष्ट्रीय दलों का जो धीरे धीरे पतन हो रहा है उसका एक बड़ा कारण यह है कि अपने कद को ऊँचा रखने के लिए बड़े नेता सिर्फ राग दरबारी पसंद करते है वीर रस से प्रभावित किसी व्यक्ति को अपने लिए खतरा मान कर पनपने ही नहीं देते हैं. राज्यों में वो किसी को मजबूत नेता बनने ही नहीं देते है. अब उन्हें समझना ही होगा कि पेराशूट पोलिटिक्स कि जगह अब पदयात्रा कि राजनीति का समय आ चुका है जिसके लिए उन्हें मजबूत स्थानीय नेता को खड़ा करना ही होगा नहीं तो राष्ट्रीय दल कुछ समय बाद राज्यों के दल भी नहीं रहेंगे.Deveshhttps://www.blogger.com/profile/09905051657973058084noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-53324983399017116922012-03-08T13:38:25.515+05:302012-03-08T13:38:25.515+05:30बाजपेयी जी,
सीधा गणित यह है कि मुसलमान वोट, सपा क...बाजपेयी जी, <br />सीधा गणित यह है कि मुसलमान वोट, सपा को मिले (मायावती भी यही कह रही हैं) और चतुषकोणीय मुकाबले में मात्र 29% वोट लाकर सपा ने प्रदेश को लाल टोपी पहना दी !! <br />हमारा गणित यह कहता है कि 71% जनता को लाल टोपी का गुंडा राज झेलना पढेगा और आप जैसे लोग इस महान लोकंतत्र की जय बोलकर<br />अपनी लकीर खींचते रहेंगे :(सम्वेदना के स्वरhttps://www.blogger.com/profile/12766553357942508996noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-62737082214643333602012-03-07T18:26:19.981+05:302012-03-07T18:26:19.981+05:30Sir i dont wht iz the real meaning of all these wo...Sir i dont wht iz the real meaning of all these words .pr ye pta hai sir aapke blog aur news(badi khabar) sunkar ek nai urza ka sanchar hota haiअभिषेक सिंह https://www.blogger.com/profile/00178212456253110969noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-42207187987995706162012-03-07T15:09:17.893+05:302012-03-07T15:09:17.893+05:30कोउ नृप भय हमें का हानिकोउ नृप भय हमें का हानिदीपक बाबाhttps://www.blogger.com/profile/14225710037311600528noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-1216326994718587582012-03-07T02:16:46.327+05:302012-03-07T02:16:46.327+05:30यहां कोई सरोकार नहीं है बाजपेई जी. मुद्दा है तो सि...यहां कोई सरोकार नहीं है बाजपेई जी. मुद्दा है तो सिर्फ इतना कि कौन कैसे वोटों की फसल काटता है. जनता ऐसे ही प्यादे और वजीर बनाती रहेगी और ऐसी ही रहेगी, हमेशा.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-12958486841405626072012-03-07T01:14:09.446+05:302012-03-07T01:14:09.446+05:30well said !well said !सतीश पंचमhttps://www.blogger.com/profile/03801837503329198421noreply@blogger.com