tag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post583276473547849564..comments2024-03-11T07:18:50.122+05:30Comments on पुण्य प्रसून बाजपेयी: साधु,सिपाही और मुस्लिम आतंकवाद में कहां है देशPunya Prasun Bajpaihttp://www.blogger.com/profile/17220361766090025788noreply@blogger.comBlogger19125tag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-40845126952617344402010-08-27T14:58:25.107+05:302010-08-27T14:58:25.107+05:30are madarchoddd..
aagar me tere ko har din tappad ...are madarchoddd..<br />aagar me tere ko har din tappad marega... aur toh bachao ke liye.. ek tappad wapas marega .. <br />toh dono same hi hue kya?<br />Toda toh dimag use kar.. <br />kahan woh 9/11 Twin tower girana.. <br />aur kahan Sanghwiji ka palat kar war karana... <br />Nirlaajjjm sadha Sukhi... <br />pahale tere jaise Ganddu ko marana chahaiye... <br />tabhi India ka kuch ho sakata ahiApunka Naya Andazhttps://www.blogger.com/profile/17485165719137340747noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-57862680196858976912010-01-08T01:13:32.455+05:302010-01-08T01:13:32.455+05:30ab tak sadhvi k khilaf koi saboot sarkar pesh nhi ...ab tak sadhvi k khilaf koi saboot sarkar pesh nhi kar pai.muslimo ko rijhane ki koshish me lagi congress,hindu atankvaad ka naam uchaal rahi hai.pure sant samaj per ungli uth rhi haisandeep mishrahttps://www.blogger.com/profile/13970241553717357950noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-19446689424029649422009-10-23T16:58:09.334+05:302009-10-23T16:58:09.334+05:30male gav jha pakistan ke jhande lahraye jate hai a...male gav jha pakistan ke jhande lahraye jate hai aap media wle unki bat karte hai asam jha bangladeshi ghuspathiye 300 logo ka visfote dawara rakt bhate hai aap unka jikr tak nhi karte desh janana chahta hai goa me visfote hota hai to news chanlle ki headline ban jata hai or jab kashmir me hindu brahmano ko balat bhagaya jata hai media me koi jikr tak nhi hota kha hai bari khabarvikas mehtahttps://www.blogger.com/profile/17315693154331289768noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-49113355317143400912008-11-22T23:01:00.000+05:302008-11-22T23:01:00.000+05:30sir aap ne sahi baat kahi ha ki dhamake karne wala...sir aap ne sahi baat kahi ha ki dhamake karne wala hindu ha ya musalman lekin dono hain to isi desh k nagrik lekin mein ek baat kehna chaha ta hun ki media bhi dhamakon k samey apna sayam kho deti ha kuch hi dinho pehle mehroli mein hue dhamake ke chand second baad zee news ki screen par ye news flash hone lagi ki kya ye hi islaam ha kya media ya aap ke chanel ko pata tha ki dhamaka kisne kiya ha aur kya unka koi dharm hota ha jo dhamake ko anjaam dekar begunha logon ki jaan lete hain isliye ese mudde par likhne aur bolne se pehle hamen apne andar se dharm ko nikaal na hogaEVOCATIONhttps://www.blogger.com/profile/02421491981393700873noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-30038433629013711532008-11-19T22:09:00.000+05:302008-11-19T22:09:00.000+05:30Dear Mr. Prasun,You are not clear in your views, y...Dear Mr. Prasun,<BR/>You are not clear in your views, you want to show that we are considering the hindu view but your innersoul never accept against your mindset which you received in VIRASAT in mass media training Where the just thing is only to be presented if it is not against your income Genrating mission. If the things is true and just but is a hurdle in the way of earning, you suddenly start avoiding the just and true which should be the only aim to establish for a mediaman.<BR/>S.C.MudgalS C Mudgalhttps://www.blogger.com/profile/16461768905755640854noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-90052685370714037182008-11-15T11:22:00.000+05:302008-11-15T11:22:00.000+05:30MAJAHAB NAHI SIKHATA AAPAS ME BAIR KARNA.............MAJAHAB NAHI SIKHATA AAPAS ME BAIR KARNA.............................<BR/>ATANKWADI NA TO HINDU HOTA HAI NA MUSLIM AUR NA HI SIKH..<BR/>KUCH LOGON KI WAJAH SE KISI BHI COMMUNITY KO ATANKI KAHNA GHALAT HOGAashok dubeyhttps://www.blogger.com/profile/05104993946658389378noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-22415023297906384632008-11-12T09:20:00.000+05:302008-11-12T09:20:00.000+05:30हिंदू आतंकवादी हाल ही में...सर्वसम्मानित,छद्म सेक्...हिंदू आतंकवादी हाल ही में...सर्वसम्मानित,छद्म सेक्यूलरवादी ,विद्धानों.बुद्धिजीवियों का जागृत शब्द है...दो दशक से ज्यादा समय से वादियों में खून की होली खेली जा रही है..सीपी से लेकर अहमदाबाद के बाजारों में दहशतगर्द मौत का खूनी खेल चुके हैं..और खेलने की तैयारी भी कर रहे होंगे..लेकिन क्या किसी ने इसे कभी ,कहीं मुस्लिम आतंकवाद से संबोधित किया..क्या किसी अखबार,चैनल ने MUSLIM TERRORIST शब्द को हेडलाइंस में मोटे अक्षरों में लिखा... खुद को पढ़ा-लिखा...धर्मनिरपेक्ष,ज्ञानी.,देश की तमाम समस्याओं का दर्द सीने में लिये चिंतक साबित करने के लिये ... हिंदू आतंकवादी..जैसे शब्दों का चयन जरूरी है...क्या अमन और देश के दुश्मनों को धर्म,जाित,क्षेत्र,अल्पसंख्यक-बहुसंख्यक के चश्में से देखना सही है..अगर सवाल और शक मालेगांव धमाके में आरोपी साध्वी प्रज्ञा के हिंदूवादी संगठनों से संबंधों को लेकर उठ रहे हैं..तो क्यों नहीं इतने सालों में जब मुिस्लम युवक आतंकी होने के आरोप में पकड़े गये..या मारे गये..तो क्यों मौलवी और मस्जिद- मदरसों के सरमायेदारों पर इस तरह प्रचंड तरीक से आरोप नहीं लगाये गये, सवाल नहीं पूछे गये...क्यों अपनी ईमानदारी,धर्मनिरपेक्षता,देशभक्ति साबित करने के लिये तुष्टिकरण की नाव पर सवार होना लाजमी है...या फिर अपने आप को सच्चा राष्ट्र भक्त साबित करने के लिये खुद को स्वर्णिम भारत..अभिनव भारत...अतुल्य भारत का हितैषी..बताना क्यों जरूरी है..क्यों बीमारी की जड़ में जाने की बजाय..थर्मामीटर से बाहरी बुखार नापने का सिलसिला बदस्तूर,सरकार दर सरकार जारी है...क्यों अधिकार और जिम्मेदारी..राइटस एंड ड्यूटी.. सब पर एक समान..एक साथ..एक जैसे तरीके..नियम-कानून के साथ लागू नहीं होते..क्यों सब खुद को इसी मिट््टी का नहीं मानते.क्यों कुछ सियासी अंधों को बिहार और महाराष्ट्र की मिट्टी के रंग में फर्क दिखता है....vipin dev tyagihttps://www.blogger.com/profile/08588455493873526666noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-89302134613092219492008-11-10T21:14:00.000+05:302008-11-10T21:14:00.000+05:30साध्वी और सैन्य अफसर आतंकवादी हैं या नही यह सच तो ...साध्वी और सैन्य अफसर आतंकवादी हैं या नही यह सच तो देश ज़रूर देखेगा और कई अनसुलझे सत्यों की तरह इस सत्य को जानने का अनंत इंतज़ार भी रहेगा. <STRONG> शायद यह वही जांच एजेन्सी है जिसने तेलगी द्वारा किए गए नाम के खुलासों को नज़रंदाज़ कर दिया, क्योंकि वे नाम इस राष्ट्र के अन्दर के "महा" राष्ट्र के राष्ट्रभक्त, राजनीति के मराठा सेनापतियों के थे. क्या मीडिया भी भूल गया तेलगी के नार्को टेस्ट की फुटेज... या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की लाइब्रेरी सांप्रदायिक सद्भाव की आग में जलकर ख़ाक हो गई है? </STRONG><BR/><BR/>यदि श्रीकांत पुरोहित के ख़िलाफ़ कोई आरोप प्रमाणित नही होता, तब इस देश के सैन्यबल और खुफिया जांच अधिकारियों के मनोबल पर क्या प्रभाव पड़ेगा? इस प्रश्न का आशय यह बिल्कुल नही कि संदिग्ध सैन्य अधिकारियों कि कोई जांच ना हो. सैन्य अधिकारियों के ख़िलाफ़ जांच पहले भी होती रही है, लेकिन राजनितिक आकाओं को संतुष्ट करने का यह तरीका विध्वंशकारी है... <BR/><BR/><STRONG> यह उसी प्रदेश कि पुलिस है जो अपने सीमा क्षेत्र में तो अंडरवर्ल्ड के अघोषित पे- रोल पर काम करती हैं और राष्ट्रीय राजधानी में जाकर अपने आका के ख़िलाफ़ चलने वाली मुहीम को नाकाम करने के लिए राव तुलाराम बाग़ में "विक्की मल्होत्रा" को गिरफ्तार करती है... आप भी समझ गए होंगे कि किसके साथ था "विक्की"? यह उसी "महा" राष्ट्र कि पुलिस है जो अपने आका के दुबई से आए फ़ोन पर "शूटआउट एट लोखंडवाला" को अंजाम देती है. </STRONG><BR/><BR/>अगर इस टिपण्णी को हल्का करना हो तो एक गंभीर बात भी कह सकता हूँ कि <STRONG> यह वही जांच एजेंसियाँ हैं जो "बेगुनाह" लोगों का एनकाउंटर कर रही थीं और छाती ठोंककर प्रेस कांफ्रेंस कर रहीं थीं... मालेगांव मामले में सिर्फ़ "जांच" चलने और बार- बार ब्रेन मैपिंग की ही बात हो रही है... यदि "हिंदूवादी" लोगों का दोहरा मापदंड सामने आया है तो निहित स्वार्थों के चलते पूर्वाग्रह से ग्रसित "मानवाधिकारवादियों" का दोहरा चरित्र भी सामने उजागर है...</STRONG><BR/><BR/><STRONG>साधु,सिपाही और मुस्लिम आतंकवाद में कहां है पुलिस, राजनेता मीडिया... और….. कहाँ है राष्ट्र? </STRONG>अनुराग तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/14367638196684575068noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-74112441517050824552008-11-10T21:08:00.000+05:302008-11-10T21:08:00.000+05:30This comment has been removed by the author.अनुराग तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/14367638196684575068noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-61501061401490613752008-11-10T17:07:00.000+05:302008-11-10T17:07:00.000+05:30हलके आलेख को गंभीर कहना और गंभीर प्रतिक्रियायों को...हलके आलेख को गंभीर कहना और गंभीर प्रतिक्रियायों को हल्का कहना न्यायसंगत नहीं है. जिन्हें लगता है कि इस आलेख में अनेक बिन्दु ऐसे हैं जिनपर गंभीर विचार-विमर्श अपेक्षित है तो उन्हें विचार-विमर्श करना चाहिए. हम भी तो देखें कि भावुकता से प्रेरित हमारी टिप्पणियाँ किस तरह अर्थ-हीन हैं और कैसे सोच को ग़लत दिशा में ले जाती हैं?Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/10037139497461799634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-60795261659710177782008-11-10T16:00:00.000+05:302008-11-10T16:00:00.000+05:30SIRF CHAND NAM UBHAR KAR SAMNE AAYE HAI..JIS PAR ...SIRF CHAND NAM UBHAR KAR SAMNE AAYE HAI..JIS PAR KAPHI DHUNDH HAI.. WAISE ME SABHI KO KADKARE ME KHARA KARNA KAHA TAK NAYAYOCHIT HAI? BHAROSA KYA CHAND LOGO SE HI JURA HOTA HAI ..JO HALKI SE THES PAR DAH JAYE..? PRAGYA HAI HI KYA..KYA YOO HI KOI PRATIK BAN JATA HA..? AGAR BJP YA RS BACHAW KAR RAHE HAI TO KYA JAROORI HAI USE NAKARATAMK RUP ME DEKHA JAYE..JABKI PRAMAR ABHI BHI THOSH NAHI HAI. AUR AAKHE MUDANE KA TO PRASN HI NAHI KYOKI AAKHE TO KABHI KISI NE KHOLI HI NAHI...! RAHA SAWAL BHARATIY KA....TO KHUD KO BHARTIYA KAHTA KAUN HAI..? PAHLE DHARM, JATI, NAM, PAD....KAHI BAD ME MUSKIL SE YAD KIAA JATA HAI KI...(BHARTIYA)..!BAHUT CHOTI SE CHIJ KO ITANA NA KHANGALIYE.........Sarita Chaturvedihttps://www.blogger.com/profile/12249338250065099175noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-79867322574395357462008-11-10T15:30:00.000+05:302008-11-10T15:30:00.000+05:30बाजपेयी जी आप ने सच्चाई बयान की है सत्ता के लोलुपो...बाजपेयी जी आप ने सच्चाई बयान की है सत्ता के लोलुपों को देश की समाज की हिंदुऔ व मुसलमानों की नहीं अपनी राजनीति की पडी है किसी भी धर्म में आस्था होने से देश के प्रति हमारी जि्म्मेदारी कम नही होती..प्रसून जी आप जैसे लोग बधाई के पात्र हैंadil farsihttps://www.blogger.com/profile/06159767543283305269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-27834489748395574242008-11-10T14:26:00.000+05:302008-11-10T14:26:00.000+05:30क्या आप यह कहना चाहते हैं कि इस्लाम के नाम पर फैला...क्या आप यह कहना चाहते हैं कि इस्लाम के नाम पर फैलाया जा रहा आतंक जायज है? प्रिय मित्र आज नहीं पिछले 1400 वर्षों से इस्लाम को इसी प्रकार से पनपाया गया है। दूसरे धर्म के अनुयायियों को इसी तरह भ्रमित किया गया है कि वे अपनी वाज़िब प्रतिक्रिया भी नहीं दे पाते हैं। यदि यह सही नहीं होता तो अफगानिस्तान, पाकिस्तान(सिंध, बलूचिस्तान, पश्चिमी पंजाब, सरहदी सूबे आदि), काश्मीर, पूर्वी बंगाल(बांगलादेश) में से सनातन धर्म, बौद्ध धर्म तथा जैन धर्म के अनुयायी कहां चले गये? आप मालेगांव को हव्वा बनाने को तुले हैं काश्मीर से लाखों हिंदूओं को निकाल दिया गया लेकिन आपने उनके बारे में कितना लिखा है?Sanjeevhttps://www.blogger.com/profile/16613354300792808697noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-5780643771875113312008-11-10T11:22:00.000+05:302008-11-10T11:22:00.000+05:30आतंकवाद पर मज़हबी सियासत ही गलत है । बारत में हिन्द...आतंकवाद पर मज़हबी सियासत ही गलत है । बारत में हिन्दू - मुस्लिम आपस में इस तरह रहते आए हैं कि दहशतगर्दी का खमियाज़ा दोनों ही संप्रदाय के लोगो को बराबरी से झेलना पडता है । आतंक का एक ही मज़हब है असलहा । सियासती चालों को भारतीयों को समझना चाहिए । मीडिया भी राजनेताओं की तरह हिन्दू - मुसलमान के आधार पर खबरें देने लगे , तो फ़िर विकल्प क्या है । मीडिया का दायित्व है हकीकत बयान करना ,केवल न्यूज़ देना व्यूज़ देना नहीं । आर्थिक तूफ़ान ने मीडिया की जडें भी उखाड फ़ेंकीं हैं । इसी का नतीजा है खांचों में बंटा देश की अवाम । आपकी मार्मिक हकीकत सिर्फ़ ब्लाग तक ही सीमित है । बैनल पर ईमानदार प्त्रकार होने का दायित्व निभाएं तब तो कोई बात है ।sarita argareyhttps://www.blogger.com/profile/02602819243543324233noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-73220685320660684052008-11-10T10:56:00.000+05:302008-11-10T10:56:00.000+05:30आपका आलेख भी पढ़ा और प्रतिक्रियाएँ भी देखीं. इतने ...आपका आलेख भी पढ़ा और प्रतिक्रियाएँ भी देखीं. इतने गंभीर आलेख को इतने हल्केपन से लिया जायेगा, सोच भी नहीं सकता था. आपके अनेक बिन्दु ऐसे हैं जिनपर गंभीर विचार-विमर्श अपेक्षित है. भावुकता से प्रेरित टिप्पणियाँ अर्थ-हीन होती हैं और सोच को ग़लत दिशा में ले जाती हैं.युग-विमर्शhttps://www.blogger.com/profile/05741869396605006292noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-62076721579090120772008-11-10T10:36:00.000+05:302008-11-10T10:36:00.000+05:30आतंकवाद के खिलाफ़ बन रहे माहौल को दबाने और हल्का कर...आतंकवाद के खिलाफ़ बन रहे माहौल को दबाने और हल्का करने के लिये जो चाल मीडिया और कांग्रेस ने मिलकर खेली है उसमें वे कामयाब हुए… हिन्दुत्व को बदनाम करके, "हिन्दू आतंकवादी" शब्द गढ़कर छद्म सेकुलर अपना उल्लू सीधा कर लेंगे, सबसे खराब भूमिका भाजपा की रही, जो खामखा "बैकफ़ुट" पर हो गई है… और यही इस घटिया मीडिया के सेना-साध्वी के झूठे प्रोपेगण्डा की सफ़लता है…Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02326531486506632298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-44224358585592205082008-11-10T09:55:00.000+05:302008-11-10T09:55:00.000+05:30शीर्षक अपूर्ण है. होना चाहिए था साधू, सिपाही, मुस्...शीर्षक अपूर्ण है. होना चाहिए था साधू, सिपाही, मुस्लिम आतंकवाद और सस्ती पत्रकारिता में कहाँ है देश.Ghost Busterhttps://www.blogger.com/profile/02298445921360730184noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-82730068867536415862008-11-10T09:42:00.000+05:302008-11-10T09:42:00.000+05:30विश्लेषण अच्छा है .प्रश्न भी वाजिब है .लेकिन स...विश्लेषण अच्छा है .प्रश्न भी वाजिब है .लेकिन साध्वी व सिपाही के आधार पर जो इस्लामिक आतंकवाद के साथ तुलनात्मक अध्यन किया गया है ,वो सटीक नही लगा .अमिताभ भूषण"अनहद"https://www.blogger.com/profile/07569607529646932053noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-84502791713572838542008-11-10T09:37:00.000+05:302008-11-10T09:37:00.000+05:30यह सब मीडिया की मेहरबानी है, उस मीडिया की जिस के आ...यह सब मीडिया की मेहरबानी है, उस मीडिया की जिस के आप सिपाही हैं. बंगलौर, अहमदाबाद, जयपुर, दिल्ली, यहाँ तक कि गुवाहाटी भी, अब तो लगता है जैसे वह सब एक सपना था. ब्लास्ट तो बस मालेगांव में हुए थे, जिसकी सरकारी सिपाही अच्छी तरह जांच कर रहे हैं, और मीडिया के सिपाही साथ-साथ मुकदमा चला रहे हैं.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/10037139497461799634noreply@blogger.com