tag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post6778649635133762026..comments2024-03-11T07:18:50.122+05:30Comments on पुण्य प्रसून बाजपेयी: बिगड़ी इकनॉमी, ढहता मनरेगा और बेरोजगारी में फंसा देश 2019 का चुनाव देख रहा हैPunya Prasun Bajpaihttp://www.blogger.com/profile/17220361766090025788noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-82047689122845140152017-09-23T06:55:46.431+05:302017-09-23T06:55:46.431+05:30बाजपाई जी आपके ब्लाग में कहीं भी आम आदमी पार्टी का...बाजपाई जी आपके ब्लाग में कहीं भी आम आदमी पार्टी का जिक्र नहीं किया गया है ! क्या आपको नहीं लगता कि आज के संधर्ब में केजरीवाल की भूमिका अहम है जो देश के बुनियादी प्रश्न भ्रष्टाचार को खत्म कर एक नया भारत बनाने के लिये संघर्ष रत हैं ! <br />ज्यातर पत्रकार केजरीवाल को कोई खास तबज्जो नहीं देते हैं और शायद इसलिये कि उन्हें केजरीवाल से किसी भी तरह के गैरवाजिद लाभ के मिलने की कोई उम्मीद नहीं है जो कि अक्सर कांग्रेस भाजपा या अन्य किसी भी दल से आसानी से मिल जाया करती है ! मैं मानता हूं कि आखिर आप लोग भी इंसान ही हैं फिर भी सोचने पर मजबूर हूं कि जब कोई पूरी ईमानदारी से काम करेगा तो लाभ जनता को बराबर होगा और सामान्य इंसान भी ईमानदारी से अपना भरण पोषण कर सकेगा ! मैं मानता हूं कि रामराज तो नहीं आयेगा पर यदि शाशन प्रशाशन ईमानदारी से काम करेगा तो देश में रामराज भी लाया जा सकता है ! <br />जरूरत है तो बस ईमानदार लोगों को ईमानदारी से हौसला बढ़ाने की ! धन्यवादAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/04239868036067950086noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-3267193331767806352017-09-22T00:14:34.157+05:302017-09-22T00:14:34.157+05:30https://farkindia.org/gang-rape-18-year-girl-and-a...https://farkindia.org/gang-rape-18-year-girl-and-acid-put-on-the-body/Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/17699879772715657021noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-82101064077916359942017-09-22T00:13:51.118+05:302017-09-22T00:13:51.118+05:30https://farkindia.org/gang-rape-18-year-girl-and-a...https://farkindia.org/gang-rape-18-year-girl-and-acid-put-on-the-body/Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/17699879772715657021noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-51138180606735792352017-09-22T00:01:14.544+05:302017-09-22T00:01:14.544+05:30मैंने कल ही लिखा था आपका ये आर्टिक्ल देख कर मन किय...मैंने कल ही लिखा था आपका ये आर्टिक्ल देख कर मन किया तो कॉमेंट बॉक्स में डाल दिया, कुछ बात मिलती जुलती ही है, लेकिन मैं आपकी तरह विचार और शब्द नही ले सकता , उसके लिए पता नही कितने साल लगेंगे मुझे----लेकिन आपको पढ़ता हूँ, आपके शब्दों को चुराता हु, Anzar ullahhttps://www.blogger.com/profile/14233213088767047696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-10760338244499535052017-09-21T23:57:55.935+05:302017-09-21T23:57:55.935+05:30क्या राहुल गांधी भारत लौटने पर अपना प्रदर्शन जारी ...क्या राहुल गांधी भारत लौटने पर अपना प्रदर्शन जारी रख पायेंगे? <br /><br />नई दिल्ली, क्या राहुल गांधी अपनी ताजपोशी से पहले प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की तर्ज़ पर आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे है , जिस तरह प्रधान मंत्री अपने विदेशी दौरे के दौरान विपक्ष पर हमला करते है, कांग्रेस की पूर्व की सरकारों को कटघरे में खड़ा करते है, पूर्व की सरकारों के घोटालों का ज़िक्र कर ये बात भी दर्शाते हैं कि अब भारत बदल रहा है, विकास के नए आयाम तय कर रहा है।पुलिस प्रशाशन हो या अफसरशाही, मंत्री हर के काम मे परिवर्तन आरहा है।कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी उसी आक्रमक रूप में दिखाई दे रहे है।पहले बर्कले की प्रतिष्टित यूनिवर्सिटी औफ कैलिफोर्निया में सरकार पर और सरकार की नीतियों पर हमला किया और अब ऐसा ही हमला अमेरिका की प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में भी किया।<br /><br /><br />राहुल गांधी भी अब प्रधान मंत्री की तर्ज़ पर अपने मतदाताओं को सीधे टारगेट कर रहे है, 2014 में जिस रोज़गार के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नौजवानो को एकजुट कर रहे थे अब यही काम राहुल गांधी कर रहे है और राहुल गांधी ने प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में भी प्रधानमंत्री की नीतियों की आलोचना करते हुए इसी बात को दोहराया कि रोज़गार के मौके जैसे पैदा किये जाने चाहिए थे नही हुए, इसमें सरकार पूरी तरह नाकाम हुई है।<br /><br /><br />राहुल गांधी ने मेक इन इंडिया का भी ज़िक्र किया राहुल गांधी ने कहा कि मेरा मानना है कि मेक इन इंडिया का लक्ष्य छोटे उधोगों को लाभ पहुचाना होना चाहिए था लेकिन इसके तहत बड़े उधोगों को फायदा पहुंचाया जा रहा है।<br /><br /><br />मतलब साफ है राहुल के निशाने पर नौजवान तो है ही साथ ही साथ छोटे उद्योग वाले मतदाता भी है, मज़दूर , कामगार, हो या वो नौजवान जिसको 2014 में उम्मीद थी कि केंद्र में नरेंद्र मोदी को अगवाई में सरकार के गठन से उन्हें अच्छी कंपनी में प्लेसमेंट मिल जाएगा लेकिन अब सरकार खुद मान रही है कि देश मे स्वीकृत सरकारी पदों पर भी भर्ती नही हो पाई और आधी से ज़्यादा स्वीकृत सीटें खाली है।<br /><br /><br />। दो महीने पहले ही जब राज्यसभा में सवाल उठा तो कैबिनेट राज्य मंत्री जितेन्द्र प्रसाद ने जवाब दिया। केन्द्र सरकार के कुल 4,20,547 पद खाली पड़े हैं। और महत्वपूर्ण ये भी है केन्द्र के जिन विभागो में पद खाली पड़े हैं, उनमें 55,000 पद सेना से जुड़े हैं। जिसमें करीब 10 हजार पद आफिसर्स कैटेगरी के हैं। इसी तरह सीबीआई में 22 फीसदी पद खाली हैं। तो प्रत्यर्पण विभाग यानी ईडी में 64 फीसदी पद खाली हैं। इतना ही नहीं शिक्षा और स्वास्थ्य सरीखे आम लोगो की जरुरतों से जुडे विभागों में 20 से 50 फीसदी तक पद खाली हैं। तो क्या सरकार पद खाली इसलिये रखे हुये हैं कि काबिल लोग नहीं मिल रहे। या फिर वेतन देने की दिक्कत है । या फिर नियुक्ति का सिस्टम फेल है । हो जो भी लेकिन जब सवाल रोजगार ना होने का देश में उठ रहा है तो सरकार की भी जवाबदेही बनती है।और यही सवाल देश भी जानना चाहता है और इसी का ज़िक्र कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी बार बार कर रहे है।<br /><br /><br />राहुल गांधी ने सत्ता के केंद्रीकरण की बात भी की और लगे हाथों कानून बनाने में पारदर्शिता की अहमियत पर ज़ोर भी डाला। खुद की पार्टी में भी कानून बनाने की प्रक्रिया में शफफ़ियात लाने का यकीन दिलाया और केंद्र की मोदी सरकार पर सत्ता के केन्द्रीयकरण का आरोप भी।यानी राहुल खुद मानते है कि कानूनन बनाने में शफफ़ियात सिर्फ केंद्र का नही उनकी पार्टी का भी मसला है<br /><br />लेकिन एक बात तो ज़रूर है कि इस दौरान जो पार्टी राहुल गांधी के बयान को अहमियत नही दे रही थी अब उनके हर सवाल का जवाब देने के लिए प्रवक्ताओं की टीम को ज़िम्मेदारी दे दी गयी है।तभी तो बरथले की यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफ़ोर्निया में राहुल गांधी के बयान के बाद केंद्रीय मंत्री इसमीरती ईरानी ने मोर्चा संभाला और राहुल गांधी के आरोपों का न सिर्फ जवाब दिया बल्कि कांग्रेस पार्टी को भी कई मुद्दों पर कटघरे में खड़ा किया।<br /><br /><br />राहुल गांधी अध्यक्ष बनने के पहले सरकार की नीतियों की मुखालफत के साथ साथ अपनी पार्टी का भी मोहसबा कर रहे है अब देखना है कि राहुल गांधी जब देश मे लौटते है और पार्टी के सदर बनते है तो क्या इसी तरह वो भाजपा की नीतियों पर आक्रमण कर पाएंगे और खुद अपनी पार्टी की जिन खामियों का वो खुद ज़िक्र कर रहे है क्या वो उसे दूर कर पाएंगे क्योंकि 2019 के चुनाव की तैयारी के लिए राहुल के सामने इन दोनों चुनौतीयो को पार कर पाना आसान नही होगा।<br /><br /><br />Anzar ullahhttps://www.blogger.com/profile/14233213088767047696noreply@blogger.com