tag:blogger.com,1999:blog-82376613912458528172024-03-16T11:19:08.602+05:30पुण्य प्रसून बाजपेयीPunya Prasun Bajpaihttp://www.blogger.com/profile/17220361766090025788noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-8237661391245852817.post-24173018822090442052009-12-21T13:27:00.003+05:302009-12-21T13:50:55.782+05:30आखिर किसे इडियट बना रहे हैं आमिर खान !<p class="MsoNormal"><span lang="HI" style="font-family:"Mangal","serif"; mso-ascii-font-family:Calibri;mso-ascii-theme-font:minor-latin;mso-hansi-mso-hansi-theme-font:minor-latin;mso-bidi-language:HIfont-family:Calibri;">हैलो</span>, <span lang="HI" style="font-family:"Mangal","serif";mso-ascii-font-family:Calibri; mso-ascii-theme-font:minor-latin;mso-hansi-mso-hansi-theme-font: minor-latin;mso-bidi-language:HIfont-family:Calibri;">जी आमिर खान आपको इन्वाइट कर रहे हैं। इंटरव्यू देने के लिये । आप तो जानते है कि अमिर खान देश भ्रमण कर रहे हैं। जी...थ्री इंडियट्स को लेकर । हां</span>, <span lang="HI" style="font-family:"Mangal","serif"; mso-ascii-font-family:Calibri;mso-ascii-theme-font:minor-latin;mso-hansi-mso-hansi-theme-font:minor-latin;mso-bidi-language:HIfont-family:Calibri;">रविवार को वह चेन्नई में होंगे...तो आपको चेन्नई आना होगा। आप बीस दिसंबर यानी रविवार को चेन्नई पहुंच जाइये। वहीं आमिर खान से इंटरव्यू भी हो जायेगा। आमिर रविवार को तीन बजे तक चेन्नई पहुचेंगे तो आपका इंटरव्यू चार बजे होगा। आप उससे पहले पहुंच जाएं। और हां... आमिर खान चाहते है कि इंटरव्यू के बाद आप तुरंत दिल्ली ना लौटे बल्कि रात में साथ डिनर लें और अगले दिन सुबह लौटें। तो आप कब पहुंचेंगे। अरे अभी आपने जानकारी दी...हम आपको कल बताते हैं</span>, <span lang="HI" style="font-family: "Mangal","serif";mso-ascii-font-family:Calibri;mso-ascii-theme-font:minor-latin; mso-hansi-mso-hansi-theme-font:minor-latin;mso-bidi-language: HIfont-family:Calibri;">क्या हो सकता है। नहीं-नहीं आपको आना जरुर है</span>, <span lang="HI" style="font-family:"Mangal","serif";mso-ascii-font-family:Calibri;mso-ascii-theme-font: minor-latin;mso-hansi-mso-hansi-theme-font:minor-latin; mso-bidi-language:HIfont-family:Calibri;">हम सिर्फ पांच जनर्लिस्ट को ही इन्वाइट कर रहे हैं और आमिर खासतौर से चाहते है कि आप चेन्नई जरुर आएं। ठीक है कल बात करेंगे......तभी बतायेंगे। </span></p><p class="MsoNormal"><span lang="HI" style="font-family:"Mangal","serif";mso-ascii-font-family:Calibri;mso-ascii-theme-font: minor-latin;mso-hansi-mso-hansi-theme-font:minor-latin; mso-bidi-language:HIfont-family:Calibri;"><br />फोन पर बात खत्म हई और मेरे दिमाग में </span><span lang="EN-US" style="mso-bidi-mso-ansi-language:EN-US;mso-bidi-language:HIfont-family:Mangal;">‘</span><span lang="HI" style="font-family:"Mangal","serif";mso-ascii-font-family:Calibri;mso-ascii-theme-font: minor-latin;mso-hansi-mso-hansi-theme-font:minor-latin; mso-bidi-language:HIfont-family:Calibri;">थ्री इडियट्स</span><span style="mso-bidi-mso-bidi-language:HI;font-family:Mangal;">’</span><span lang="HI" style="font-family:"Mangal","serif"; mso-ascii-font-family:Calibri;mso-ascii-theme-font:minor-latin;mso-hansi-mso-hansi-theme-font:minor-latin;mso-bidi-language:HIfont-family:Calibri;"> को लेकर आमिर खान के देश भ्रमण से जुड़े न्यूज चैनलो पर रेंगने वाली तस्वीरे घुमड़ने लगी । आमिर, जिसकी अपनी एक इमेज है। ऐसी इमेज जो बॉलीवुड में दूसरे नामी कलाकारों से उन्हें अलग करती है....जो सामाजिक सरोकार से भी जुड़ी है। मेधा पाटकर के आंदोलन को नैतिक साहस देने वाले आमिर खान बिना कोई मुखौटा लगाये पहुंचे थे। अच्छा लगा था। लेकिन जेहन में बड़ा सवाल यही था कि बनारस की गलियों में अपनी मां के घर को ढूंढते आमिर खान को चेहरा बदलने की जरुरत क्यों पड़ी। मुंह में पान। गंदे दांत। शर्ट और हाफ स्वेटर.....कांख में बाबू टाइप बैग को दबाये आमिर खुछ इस तरह आम लोगों के बीच घूम रहे थे, जैसे वह बनारसी हो गये या फिर बनारस की पहचान यही है। जबकि मध्य प्रदेश में चंदेरी के बुनकरों की बदहाली में उन्होंने करीना कपूर का तमगा जड़ बुनकरों की हालत में सुधार लाने के लिये लोकप्रिय डिजाइनर सव्यसाची मुखर्जी से भी संपर्क किया। कहा गया कि आमिर बुनकरों के संकटों को समझ रहे हैं। वहीं कोलकत्ता में सौरभ गांगुली के घर के दरवाजे के बाहर किसी फितरती....अफलातून...की तरह नजर आये आमिर। पंजाब में एक विवाह समारोह में दुल्हे के मां-बाप के साथ एक ही थाली में टुकड़ों को बांटते हुये हर्षोउल्लास के साथ खुशी बांटते नजर आये। बनारस के रिक्शे वाले की समझ हो या चंदेरी के बुनकर या फिर पंजाब के बरातियो की समझ.....सब यह मान रहे थे कि आमिर उनके बीच उनके हो गये। फिर आमिर को चेहरा बदलने की जरुरत क्यों पड़ी । क्या आमिर का नजरिया वर्ग-प्रांत के मुताबिक लोगो के बीच बदल जाता है। या फिर आमिर पहले मुखौटे से इस बात को अवगत कराते है कि मै आपके बीच का सामान्य व्यक्ति हूं जो आप ही के प्रांत का है। लेकिन उसके बाद अपनी असल इमेज दिखाकर वह अचानक विशिष्ट हो जाते हैं। जैसे झटके में उनके रंग में रंगा व्यक्ति आमिर खान निकला। अगर आखिर में बताना ही है कि मै आमिर खान हूं तो फिर मुखौटा ओढ़ने की जरुरत क्यों।<br /><br />कह सकते है यह थ्री इडिट्स के प्रचार का हिस्सा है और इसे इतने गंभीर रुप से नहीं देखना चाहिये । लेकिन यहीं से एक दूसरा सवाल भी पैदा होता है कि जो दबे-कुचले लोग हैं। जो व्यवस्था की नीतियों तले अपने हुनर को भी को खो रहे हैं। जिनके सामने दो जून की रोटी का संकट पैदा हो चुका है। जिनके लिये सरकार के पास कोई नीति नहीं है और राजनीति में वोट बैक के प्यादे बनकर यही लोकतंत्र के नारे को जिलाये हुये हैं तो क्या वाकई आमिर खान की पहल उनकी स्थिति बदल सकती है। या फिर आमिर की इमेज में इससे सामाजिक सरोकार के दो-चार तमगे और जुड़ जायेंगे। यह सारे सवाल जेहन में रेंग ही रहे थे कि मुबंई का नंबर फिर मोबाइल पर चमका। और आमिर खान के इंटरव्यू का निमंत्रण दोहराते हुये इस बार कई सुविधाओ भरे जबाब जो सवाल का पुट ज्यादा लिये हुये थे...दूसरी तरफ से गूंजे। आपके रहने की व्यवस्था चेन्नई से डेढ-दो घंटे की रनिंग बाद फिशरमैन्स क्लोव में की गयी है। यह बेहद खूबसूरत जगह पर है। चेन्नई से महाबलीपुरम की तरफ । आपके कैमरापर्सन की भी ठहरने की व्यवस्था हम कर देंगे। आप उनका नाम हमें बता दें। जिससे उनकी भी व्यवस्था हो जाये। मैं सोचने लगा जब </span><span lang="EN-US" style="mso-bidi-mso-ansi-language:EN-US; mso-bidi-language:HIfont-family:Mangal;">‘</span><span lang="HI" style="font-family:"Mangal","serif"; mso-ascii-font-family:Calibri;mso-ascii-theme-font:minor-latin;mso-hansi-mso-hansi-theme-font:minor-latin;mso-bidi-language:HIfont-family:Calibri;">आजतक</span><span style="mso-bidi-mso-bidi-language:HI;font-family:Mangal;">’</span><span lang="HI" style="font-family:"Mangal","serif";mso-ascii-font-family:Calibri;mso-ascii-theme-font: minor-latin;mso-hansi-mso-hansi-theme-font:minor-latin; mso-bidi-language:HIfont-family:Calibri;"> शुरु हुआ था तो एसपी सिंह अक्सर कहा करते थे कि कही किसी भी कार्यक्रम को कवर करने जाना है तो कंपनी के पैसे से जाना है। किसी की सुविधा नहीं लेनी है । और नेताओ का मेहमान तो बिलकुल नहीं बनना है। इतना ही नहीं जब आजतक न्यूज चैनल के रुप में सामने आया तो भी मैंने उस दौर में इंडिया दुडे के मैनेजिंग एडिटर और आजतक के मालिक अरुण पुरी को भी मीटिंग में अक्सर कहते सुना कि किसी दूसरे का मेहमान बनकर उससे प्रभावित होते हुये न्यूज कवर करने का कोई मतलब नहीं है। इससे विश्वसनीयता खत्म होती है। और बाद में न्यूज हेड उदय शंकर बने तो उन्होंने भी इस लकीर को ही पकड़ा कि न्यूज कवर करना है तो अपने बूते। कही डिगना नहीं है। कहीं झुकना नहीं है। और विश्वसनीयता बरकरार रखनी है।<br /><br />लेकिन फोन पर मुझे आमिर खान के साथ डिनर का न्यौता देकर लुभाया भी जा रहा था। लेकिन आप हमें क्यों बुला रहे हैं ....हम कैसे थ्री इडियट्स का प्रचार कर सकते हैं। आपको प्रचार करने को कहां कह रहे हैं। आप जो चाहे सो आमिर खान से पूछ सकते हैं। लेकिन मुझे लगता है कि आमिर जिस तर्ज बनारस से चेन्नई तक को नांप रहे हैं, उससे वहां के दर्द को भी थ्री इडियट्स में लपेट रहे हैं। सबकुछ प्रचार का हिस्सा है तो हम कैसे इसमें शरीक हो सकते है। यह आप कैसे कह सकते है....आमिर खान चंदेरी नहीं जाते तो कौन जानता वहां के बुनकरो की बदहाली। मेरा दिमाग ठनका......यानी आमिर चंदेरी गये तो ही देश जान रहा है कि चंदेरी के बुनकरो की बदहाली। क्यों आप जानते है कि देश के पैंतीस लाख से ज्यादा बुनकर आर्थिक सुधार तले मजदूर बन गये। जो देश के अलग अलग शहरो में अब निर्माण मजदूरी कर रहे हैं। सही कह रहे है आप चंदेरी का मामला सामने आया तो बाकी संकट भी आमिर उभारेंगे।<br /><br />मुझे भी लगा फिल्मों का नायक यूं ही नहीं होता.....सिल्वर स्क्रीन की आंखों से अगर देश को देखा जाये और प्रधानमंत्री किसी नायक सरीखा हो जाये या फिर नायक ही सर्वेसर्वा हो जाये तो शायद देश में कोई संकट ही ना रहे। मुझे याद आया जब बलराज साहनी</span>,<span lang="HI" style="font-family:"Mangal","serif";mso-ascii-font-family:Calibri; mso-ascii-theme-font:minor-latin;mso-hansi-font-family:Calibri;mso-hansi-theme-font: minor-latin;mso-bidi-mso-bidi-theme-font:minor-bidi; mso-bidi-language:HIfont-family:Mangal;"> दो</span><span lang="HI" style="font-family:"Mangal","serif"; mso-ascii-font-family:Calibri;mso-ascii-theme-font:minor-latin;mso-hansi-mso-hansi-theme-font:minor-latin;mso-bidi-language:HIfont-family:Calibri;"> बीघा जमीन फिल्म की शूटिंग कर रहे थे तो उनसे पूछा गया कि किसानों की त्रासदी की तरफ क्या सरकार इस फिल्म के बाद ध्यान देगी। तो बलराज साहनी जबाब था कि फिल्म उसी व्यवस्था के लिये गुदगुदी का काम करती है जो इस तरह की त्रासदी को पैदा करती है। इसलिये फिल्मों को समाधान ना माने। यह महज मनोरंजन है । और मुझे चरित्र के दर्द को उभारने पर सुकून मिलता है। क्योकि हम जिन सुविधाओं में रहते हैं उसके तले किसी दर्द से कराहते चरित्र को उसी दर्द के साथ जी लेना अदाकारी के साथ मानवीयता भी है।<br /><br />सोचा तब यह बात कलाकार भी समझते थे और अब मीडियाकर्मी भी नहीं समझ पाते। फिर सोचा कि मीडिया का यह चेहरा ही असल में भूत-प्रेत और नाचा-गाना को खबर के तौर पर पेश करने से ज्यादा त्रासदी वाला हो चला है। दरअसल, आमिर के प्रचार की जिस रणनीति को अंग्रेजी के बिजनेस अखबार बेहतरीन मार्केटिंग करार दे रहे हैं,वो सीधे सीधे लोगों की भावनाओं के साथ खेलना है। फिल्म के प्रचार के लिए लोगों की भावनाओं की संवेदनीशीलता को धंधे में बदलकर मुनाफा कमाते हुए अलग राह पकड़ लेना नया शगल हो गया है। लेकिन,यहीं एक सवाल फिर जेहन में आता है कि यहां एक लकीर से ऊपर पहुचते ही सब एक समान कैसे हो जाते हैं। चाहे वह फिल्म का नायक हो या किसी अखबार या न्यूज चैनल का संपादक या फिर प्रचार में आमिर के साथ खड़े सचिन तेंदुलकर। सोचा आमिर खान चेन्नई में क्या इंटरव्यू देते हैं और थ्री इडियट्स का कैसे प्रचार करते हैं, यह दूसरे न्यूज चैनलों को देखकर समझ ही लेंगे। मैंने फोन पर बिना देर किये कहा</span>, <span lang="HI" style="font-family:"Mangal","serif"; mso-ascii-font-family:Calibri;mso-ascii-theme-font:minor-latin;mso-hansi-mso-hansi-theme-font:minor-latin;mso-bidi-language:HIfont-family:Calibri;">मुझे क्षमा करें मैं चेन्नई नहीं आ पाऊंगा।</span><span style="mso-bidi- mso-bidi-language:HI;font-family:Mangal;"><o:p></o:p></span></p>Punya Prasun Bajpaihttp://www.blogger.com/profile/17220361766090025788noreply@blogger.com16