Wednesday, August 1, 2018

सेस से जनता पर भार और सत्ता की रईसी

2014 में मोदी सरकार सत्ता में आई और जुलाई 2018 में जब देश में जीएसटी लागू हुआ उससे पहले तक जितने माद्यमों के जरीये सरकार ने सेस लिये, वह अपने आप में एक रिकार्ड है। क्योंकि जितने प्रोडक्ट या माध्यमों पर सेस लगाकर जनता पर बोझ डाला गया, वह अपने आप में ऐतिहासिक है और सेस के जरीये कमाई भी एतिहासिक है और सेस जो कहकर लगाया गया कि कहां खर्च होगा, उससे इतर कहां कहां खर्च हो गया ये अपने आप में ही ऐतिहासिक है। और अगर आंकडों के लिहाज से समझें तो बीते तीन बरस में सिर्फ सेस के जरीये सरकारी की कमाई 40 खरब से ज्यादा की हुई और खर्च 23 खरब ज्यादा नहीं हुआ। यानी सेस की 17 खरब से ज्यादा की रकम सरकारी खजाने में पहुंच गई। और इसे बरस दर बरस समझें तो सेस के जरीये 2014-15 में सरकार ने 8 खरब 91 अरब 17 करोड 20 लाख वसूली की। जबकि 2015 - 16 में सेस से वसूली बढ़कर 13 खरब 66 अरब 29 करोड  96 लाख रुपये हो गई । और बीते बरस यानी 2016-17 में सेस से सरकार को मिले 17 खरब 85 अरब 94 करोड 74 लाख रुपये। यानी इन तीन बरस में सेस के जरीये सरकार के खजाने में 40 खरब 43 अरब 41 करोड 82 लाख रुपये पहुंचे । पर ऐसा भी नहीं है कि सरकार ने सेस से कमाई सारी रकम अपने लिये रख ली। खर्च तो किया पर बचाया ज्यादा। क्योंकि 2014 -15 में कमाई होती है 8 खरब 91 अरब 17 करोड 20 लाख रुपये। और अलग अलग मदों में खर्च  होते है 5 खरब 77 अरब 65 करोड 60 लाख रुपये। यानी 3 खरब 13 अरब 51 करोड़ 52 लाख रुपये सरकार के पास बच जाते हैं। इसी तरह 2015 -16 में सेस लगाकर सरकारी खजाने में 13 खरब 66 अरब 29 करोड 96 लाख रुपये पहुंचते हैं। और अलग अलग मदो में सेस की रकम का उपयोग किया जाता है 7 खरब 15 अरब 65 करोड़ 88 लाख रुपये। यानी सरकारी खजाने में सेस की रकम जो बच जाती है, वह 6 खरब 50 अरब 64 करोड 8 लाख रुपये होती है। इसी तरह बीते बरस यानी 2016-17 में जीएसटी सेस से सरकार की कमाई होती है या कहें जनता देती है 17 खरब 85 अरब 94 करोड 74 लाख रुपये। जबकि सेस की रकम जो अलग अलग मदों में खर्च होती है वह 10 खरब 8 अरब 71 करोड 53 लाख रुपये। यानी सरकार के पास जो रकम बच जाती है वह 7 खरब 77 अरब 23 करोड 21 लाख रुपये की होती है। यानी सेस  लगाकर सरकार जो हर क्षेत्र में सेस के रुपयों के जरीये जिस राहत की बात करती है अगर तीन बरस के बचे हुए रकम को ही देखे तो सब मिलाकर 17 खरब 41 अरब 38 करोड 81 लाख रुपये सरकारी खजाने में ही है। यानी ये सवाल दूर की  गोटी है कि सेस के जरीये जिन क्षेत्रों में काम होना चाहिये था, वह काम उन क्षेत्रों में हुआ या फिर सेस का बोझ जनता पर पड़ा और सरकार की रईसी हो गई। तो अगला सवाल है कि वह कौन से क्षेत्र थे जहा से सेस बटोरा गया। तो सिलसिलेवार तरीके से क्षेत्र और उससे सिर्फ बीते बरस यानी 2016-17 में कितनी कमाई सरकार ने कर ली उसे देखें ।

मसलन प्राइमरी एंड एजुकेशन सेस [  रु 202198800000 ] , सेकेन्डरी एंड हायर एजुकेशन सेस [  रु 100281900000 ], क्लीन इनर्जी सेस [ रु 261172500000 ] , एडिशनल अक्साइज ड्यूटी आन मोटर स्प्रिट [ रु  188278300000 ], एडिशनल एक्साइज ड्यूटी आन हाई स्पीड डिजल [ रु 535717000000 ] , नेशनल क्लाइमटी कौटिजेंट ड्यूटी [ रु 64262000000 ], शुगर सेस [  रु 28816100000 ], फिचर फिल्म पर सेस [ रु 8600000 ], आइरन ओर पर सेस [  रु 75200000 ],  लाइम स्टोन एंड डोलोमाइट पर सेस [ रु 108200000 ] , बीडी पर सेस [ रु 1362100000 ] , एक्सपोर्ट पर सेस [ रु 1772100000 ], कोक एंड कोल पर सेस [ रु 6400400000] , जूट पर सेस [  रु 960700000 ], चाय पर सेस [  रु 622800000 ], नारियल पर सेस [ रु 2100000 ], आयल एंड आयल सीड पर सेस [रु 3400000 ] , काटन पर सेस [ रु 100000 ], नमक पर सेस [ रु 9100000 ], तंबाकू पर सेस [  रु 1200000 ], रबर पर सेस [  रु 1023000000], कच्चे तेल पर सेस [ रु 126183100000 ] , काफी पर सेस [ रु 11000000 ],कागज पर सेस [रु 721300000 ] , स्ट्रा बोर्ड पर सेस [ रु 300000], आटोमोबाईल पर सेस [ रु 4085500000 ], टैक्सटाइल एंड टैक्सटाइल मशीनरी पर सेस [ रु 23100000 ] , मैच पर सेस [ रु 500000 ], अन्य कामोडेटी पर सेस [ रु 62400000],रिसिप्ट फ्राम सेस आन अदर एक्ट [  रु 31900000 ], कृषि कल्याण सेस [ रु 837915000 ], इन्फ्रास्ट्रक्चर पर सेस [ रु 39176500000] , स्वच्छ भारत सेस [ रु 124753900000 ], पानी में प्रदूषण रोकने पर सेस [ रु 2158400000] , रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेस  [  रु 11872400000] । 

तो इतने माध्यमों के जरीये जनता पर सेस का बोझ डाला गया । तो अगला सवाल है कि इसे खर्च कहां किया गया तो 2016-17 में जिन क्षेत्र में जितना रकम खर्च की गई जरा उसे परख लें।  प्रारभिक शिक्षा कोष में 19734700000 रु , क्लीन इनर्जी फंड में डाला गया 64667500000 रुपये , सेन्ट्रल रोड कोष में डाला गया 518535800000 रु , डिजास्टर/आपदा फंड 64500000000 रुपये । शुगर डेवलेपमेंट फंड में डाला गया 23128100000 रुपये , इसी तरह राष्ट्रीय स्च्छता कोष में दिया गया 100000000000 रुपये । कृषि कल्याण कोष में 35962800000 रु , भारत इन्फ्रास्ट्रक्चर कोष में दिया गया 3140000000 रु , जल प्रदूषण को रोकने के लिये कोष में डाला गया 1456400000 रुपये । यानी बीते बरस एक तरफ सेस के जरीये 1 लाख 78 हजार 594 करोड रुपये जनता से लिये गये तो दूसरी तरफ एक लाख 871 करोड रुपये खर्च भी हुये। यानी 41 हजार करोड से ज्यादा की रकम खर्च हुई नहीं। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण है कच्चे तेल पर जो सेस लिया गया। क्योंकि एक तरफ जिस दौर में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत सबसे कम थीं। उस दौर में भी पेट्रोल-डीजल की कीमत भारत के बाजार में सबसे ज्यादा थी । बावजूद इसके कच्चे तेल पर भी सेस वसूला जा रहा था ।  मसलन , 2016-17 में 12618.31 करोड रुपये सेस से लिये । 2015-16 में 14310.69 करोड रुपये सेस से लिये । तो उससे पहले बरस यानी 2014-15 में 14655.05 करोड रुपये सेस से वसूले । तो 2014 से दिसबंर 2017 तक कच्चे तेल पर सेस लगाकर सरकार ने 49,927 करोड की कमाई की या कहे जनता से सेस बसूला गया । और कभी इसका जवाब दिया नहीं गया कि सेस जिस लिये लिया जाता है उसपर खर्च भी होता है कि नहीं । और इसका सबसे बडा उदाहरण है स्वच्छ बारत सेस के जरीये बीते बरस जनता से वसूला गया 12475.39 करोड और राष्ट्रीय स्वच्छता कोष में डाले गये 10 हजार करोड़। यानी स्वच्छता के सेस में भी सरकार 2475.39 करोड रुपये बचा ले गई।

33 comments:

Unknown said...

खून के आंसू जब सूख जाने लगे ,
जब सारे रास्ते छूट जाने लगे,
जब जिसे अपना कहे, बिना वजह रूठ जाने लगे,
जब गुनाह सह सह कर अंग अंग टूट जाने लगे,
जब जताओ सच, झूटे जीत जाने लगे,
जब फिज़ा मैं बेचारे परिंदे भी रोते हुए गाने लगे,
जब दवा जहर लगे, जहर सुकून दे जाने लगे,
जब दबाने की मियाद खतम हो जाने लगे ,
जब इस कौम मे बदबख़्त अपना सर उठाने लगे,
जब प्यारी कालिया को कौवे नोच नोच कर खाने लगे,
जब पत्ता पत्ता हर दरख्त का इंक़लाब गाने लगे,
जब खून में खून की जगह लावा, फौलाद भर जाने लगे,
और जब इंसान को इंसान की अहमियत क्या है, ये समझ आने लगे,

तो वो तुम ही हो जिससे कौम बदलने जाने लगे,

इमरान खान गुना मध्य प्रदेश से

Please इसे ak baar TV पर Jaror पढ़े please

Unknown said...

Sarkar Janta Ki Hai. Aur Ye Paisa Janta ke liye kharch hoga.
Is Baat mein aapko Koi shak hai kya?!!!

Unknown said...

सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ताक पर रखकर मौजूदा मोदी सरकार एससी एसटी एक्ट में बदलाव इसी सत्र में करने जा रही है, जो कि Gen और Obc के खिलाफ है। सवाल यह कि बिना जांच-पड़ताल किए किसी को गिरफ्तार करना कहां तक जायज है ? सरकार को इस यक्ष प्रश्नों के जवाब देना चाहिए,और बताना चाहिए कि सबका साथ सबका विकास का नारा देने का मतलब है क्या ?क्या यह मान लिया जाए कि Gen-Obc का साथ और SC-ST का विकास मौजूदा मोदी सरकार का मूल मकसद है।
#नोट :- इसलिए उठो जागो और तब तक मत रुको जब तक देश से पूर्ण रुप से आरक्षण खत्म ना हो जाए।

[जय परशुराम-जय श्री राम]

Unknown said...

बाजपेयी साहब आप आज क्यों मास्टर स्ट्रोक में नहीं आये??.देखना बंद।

Unknown said...

Sir aaj 2-08-2018 ka masterstroke shayad masterstroke nhi hai vo bhi samnay tv show hai kyunki master (punya prasun bajpai)aaj upasthit nhi hai.

Unknown said...

Ab tak ke sabse bade looters sarkar hai modi sarkaar industriliest ke chance hai sare modi se le ker chote nla mc tak

amAN said...

Sir ky apne abp news chor diya

Unknown said...

सर एकबार राशनकार्ड और राशन घोटाले पर भी मास्टर स्ट्रोक करिये , बहुत बड़ा घोटाला है । नजदीक से देखा हु घोटाला ।

Unknown said...

Sir aisa show maine kabhi nhi dekha TV par jis bebaki ke sath aap masterstroke host karte the it was great and I will request you to continue your inning as neutral journalist forever.

Unknown said...

Aaj aaap master stroke me kiun nahi thhe please reply

Abhay said...

10 बजे आपके ट्वीट की प्रतीक्षा में बैठा था क्योंकि पता है कि प्रतिदिन की तरह शो समाप्ति से आकर एक ट्वीट जरूर करते है पर वो नही आया अभी रात के 12:04 हो रहा है अभी तक भी नही आया... खबर आई थी कि आपने शो छोड़ दिया है अथवा आपको बाहर कर दिया गया थोड़ा अंदाजा आज 9 बजे ही गया था पर सोंचा आप आज छुट्टी पर होंगे पर 10 बजते बजते ये स्पष्ट हो गया कि दाल में कुछ काला है अथवा पूरी डाल ही काली है... आज शो के दौरान सिग्नल गयाब नही हुए सब एक दम सलीके से चल रहा था... आज से उन सिग्नल गयाब करने वालों की भी छुट्टी कर दी गयी होगी जो रोज़ रात आकर 9 बजे से 10 बजे तक सिग्नल गायब करते थे...
बड़ा दुःख हुआ ये जानकर कि आज से आप मास्टरस्ट्रोक में नही आएंगे... आप सच्ची पत्रकारिता करते हैं और आप किसी के सामने झुके नही सदैव सत्य के साथ रहे कभी अपना जमीर नही बेचा.. सदैव जनता के साथ रहे ... आपकी दृढ़ता,ईमानदारी,पत्रकारिता और बेबाकी को मेरा सलाम...
देश,समाज,लोकतंत्र और पत्रकारिता को आपकी कमी महसूस होगी...
हम सबको आपकी कमी महसूस होगी.. आशा करता हूँ आप जल्द ही उसी बेबाकी से हमारे सवालों को सत्ता के कानों में पहुंचाने और हमे सच्चाई से रूबरू करने के हमारे समक्ष होंगे... 😢😢😢

Unknown said...

Are you resign abp news??

Unknown said...

मुझे भी एक आदतसी हो गई थी कि कोईतो इस देश में ग्राऊंड लेवल की जानकारी देने वाला. चाहे कितनी भी रात क्यों ना हो मैं पुण्यप्रसुनजी का मास्टर स्ट्रोक डाऊनलोड करके देखकरही सोता था। क्योंकि कई दिनों से रात 9 से 10 बजे तक सिग्नल में ही गड़बड़ी रहती थी। चाहे कोई भी सच्चाई को कितना भी दबाये लेकिन प्रसून बाजपई जी को रोकना मुश्किल हो रहा था। आज देश में झूठे का बोलबाला है। झूठे लोग कितनों की आवाज दबायेंगे? सच तो सच ही होता है। मैं भी आशा करता हूँ कि जल्दीही फिर से किसी और रुप में आपकी बेबाक पत्रकारिता देखने और सुनने को मिल सकती है।

Abhay said...

क्या खूब घिसी होगी तेरी कलम ज़ालिम
वज़ीरे हिन्द भी तुझ से खफा हो गए..
We miss u sir 😢😢

Unknown said...

Where are you sir, we were missing you in today's master stroke.
Requesting you to please don't go add add air

Unknown said...

Best of luck sir.

Himmat mat hariye in gaddaro se ladne k liye.

Unknown said...

Best of luck sir.

Himmat mat hariye in gaddaro se ladne k liye.

Unknown said...

विदाई हो गई उनकी।

Unknown said...

बाजपेयी जी ने आपनी ईमानदारी से पत्रकारिता के लिये मिसाल बना दी है,,,,,देखना ये है झूठे सपने खरीदने बालीं जनता की आखे खुली या अन्धेरा अब अच्छा लगने लगा है?

Unknown said...

Shak ye toh sabko pta hai kitna vikas kiya apne modi ji ne

Unknown said...

जनता तक अपनी न्यूज़ विचार पहुंचने के लिए टीवी ही जरुरी नहीं है और भी तरीके है पर मास्टरस्ट्रोक से आपका जाना यानि शो बंद होना very very unfair and sadful

Unknown said...

jaldi aap ka koi aur mastet stock dekhne ko milega tathya vahi rahega chanechannel badal jayega
I am waiting

Malickhbukkann (Ambedkarite) said...

Proud of u sir ... aap ke fundamental aur principle ko salaam hai
Satya paresaan ho skta hai
Parajit Kabhi nhi.
Sir u have inspired millions
Make a comeback sir.

Unknown said...

"पुण्य प्रसून बाजपेई के खुलासों से डरा मोदी सरकार"
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लोकतंत्र के नाम पर मोदी सरकार करबा रही ठोकतंत्र,
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जी हां आपने सही पढ़ा हैं।जिस प्रकार मौजूदा वक्त में देश के अंदर लोकतंत्र की अस्मिता खतरे में है, उससे साफ जाहिर होता है कि मौजूदा केंद्र की मोदी सरकार द्वारा कभी न्यायपालिका के ऊपर टारगेट किया जाता है तो कभी पत्रकारिता के ऊपर, साथ ही देश में हिंदू मुस्लिम कर देश को स्थिरता से अस्थिरता की ओर ले जाने का प्रयास।

ताजा मामला एक उभर कर आया है, मोदी सरकार की नाकामियों और जनता से किए झूठे वादों का पर्दाफाश करने वाले अर्थात सच उजागर करने वाले देश के सबसे निर्भीक और सशक्त पत्रकार "पुण्य प्रसून बाजपेई" के शौ मास्टर स्ट्रोक के दरमियान करीब 20 दिनों से सरकार द्वारा प्रायोजित सिग्नलों में बाधा पहुंचाया जाता था,साथ ही चैनलों के मालिकों के ऊपर दबाव यह भी बनाया जाता था कि आप पुण्य प्रसून बाजपेई को फौरन अपने चैनलों से हटाइए। अंततः वही हुआ जो होना था यानी सत्य पर असत्य की जीत। अर्थात पुण्य प्रसून बाजपेई को ABP न्यूज़ से इस्तीफा देना पड़ा। वह इसलिए कि सरकार के झूठे वादों का पर्दाफाश करते थे, यह बात सरकार को रास नहीं आई जिसके एवज में सरकार द्वारा ABP न्यूज़ चैनलों के ऊपर दबाव डालकर इन्हें जबरन इस्तीफा देने पर मजबूर किया गया।

प्रचार और बात बनाने में माहिर प्रधानमंत्री मोदी को बड़ा खतरा तब हो गया जब "पुण्य प्रसून बाजपेई" ने अपने कार्यक्रम से सीधे प्रधानमंत्री मोदी की कही बातों को पर्याप्त तथ्यों और तर्कों के साथ झूठा फरेबी और फर्जी साबित किया।

इसी वजह से मास्टर स्ट्रोक के दरमियान एबीपी चैनलों में तरह-तरह की समस्याएं आने लगी थी,और वह पिछले 20 दिनों से ठीक से दिखता नहीं था।जाहिर है ना सिर्फ सरकार बल्कि मोदी स्वयं एक प्रधानमंत्री के तौर पर मीडिया का मुंह बंद करने की पुरजोर कोशिश में लगे हैं और तानाशाहीपूर्ण रास्ते अख्तियार कर रहे हैं।

नेक,सच्चा और ईमानदार पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेई का कसूर इतना था कि वह सरकार के झूठे वादों का ग्राउंड जीरो पर जाकर सही रिपोर्टिंग कर देश को बतलाता था।

बड़ी बात यह है कि प्रधानमंत्री मोदी छत्तीसगढ़ की एक महिला चंद्रमणि कोशिक और उसके समूह के द्वारा कमाई को लेकर अपने कार्यक्रम 'मन की बात' में जो दावे किए थे,उसकी सच्चाई दिखा कर पुण्य प्रसून बाजपेई ने साबित किया था कि प्रधानमंत्री मोदी देश के सामने लाइव झूठ बोलते है। इस कार्यक्रम से ना केवल भाजपा,संघ और सरकार नाराज थे,बल्कि प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने भी गुस्सा दिखाया था।

अब सवाल है कि प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं की ना खाएंगे ना खाने देंगे,तो इसका मतलब है क्या ? यह इसलिए कि जब लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को ही आप टारगेट करेंगे तो आप किस लोकतंत्र में जी रहे हैं व जीना चाहते हैं। यह सवाल इसलिए कि मौजूदा वक्त में 2014 के लोकसभा चुनाव के दरमियान आपने ही कहा था सबका साथ और सबका विकास 2018 आते आते Gen Obc का साथ और SC ST का विकास में परिवर्तन हो गया। अर्थात यह कि बिना जांच किए हुए गिरफ्तार कर जेल भेज दो।मैं समझता हूं इससे अच्छा होगा कि जनरल ओबीसी को बिना जांच किए हुए गोली ही मार दो, एससी एसटी एक्ट के लिए जब सदन से अध्यादेश पारित कर सकता है तो राम मंदिर गौ हत्या 370 धारा के लिए क्यों नहीं ? क्योंकि नीति स्पष्ट है नहीं सिर्फ नारा स्लोगन के जरिए देश के आम जन को झूठ और फरेब बातों में उलझाकर हिंदू मुस्लिम करवा कर दंगा कराना चाहता है। जिसका मूल मकसद 2019 में जितना है।

sush said...

Ab BJP lose chance improve themself..

Unknown said...

Ab modi ko ye b bata do agar dedh m 100 #ppbajpai_ji jaise journalist aaye or wo sarkar k isare pe nahi chale to yadi ek tv channel k signal week krne k liye 2 manpower use hota h to 100 k liye 200 or istarah 200 logo ko rozgaar mila..
#ek_party_ka_vikas_nutral_ journalist_ka_nikas...
Ab umeed ki jati h ki 15 mint. Se badkar 1 hour ka time mila ab 2 hour ka #show_time mile.. #ind#with#PPB.....👍

Jay Singh Rajput said...

I wanted to talk to you sir kindly 7004333788

Unknown said...

I felt muserable when I heard you have left ABP. I miss your show but admire your conviction. Truth will always prevail. You have been stating facts which helps the common man.

Unknown said...

Sir we really miss your show .
Please make a comback to TV or Youtube . We love how you show truth

Rohit rai said...

ये कैसे अच्छे दिन -

अच्छे दिन लाते लाते तुमने
ये कैसे दिन है दिखलाया
तुम को खाके मजा आया तो सबसे पकौड़े क्यों बनवाया
खुद तो घुमा देश विदेश और
मेरे इस शहर - ए - अमन में दंगा क्यूँ है भड़काया

कहने को तुम आलम - ए - वजीर
फ़कीर हमको है क्यों बनवाया
एक - दो समझ में ना आया
पांच तरह की जीएसटी लगवाया
पप्पू से लड़ते लड़ते
जनता को उल्लू क्यों बनवाया

खुद सरकार बने फिरते हो
चौकीदार कुछ समझ में ना आया
खुली तिजोरी लुटते रहे वो
इल्जाम है किसपे लगवाया

राशन लेने गया फकीरा जिसको न ककहरा आता
आधार लिंक कहा से कराये कौन सी भाषा में उसे डिजिटल इंडिया समझाता
एक बार चमका था भारत एक बार बहका है भारत
अब और इसे न बहकाना
अच्छे दिन दिखला न सके तो
पोस्टर पर पैसे और ना लुटवाना

विकल्प विहीन है देश की जनता
कुछ भक्ति में लीन है
शक्ति सारी जुबान में है
सत्ता कर्महीन है

बाते बड़ी बड़ी है यहाँ
भक्तो और चमचो में मारा मारी है
इन सबसे बढ़के देखो उनकी अदाकारी है

कोई देश लूट रहा था कोई देश फूंक रहा है
जो समझा वो मौन खड़ा है
चुप रहने में होशियारी है

हुए आंदोलन बहुत यहाँ पे
सबपे सत्ता भारी है
बाबा पहने सलवार सूट
देख अचंभित नारी है

क्या सफ़ेद और क्या काला
जनता के धन को क्या बना डाला
क्या गरीब और क्या किसान
सबका बीमा करा डाला

जीते जी की बात नहीं की थी
मरने पे अच्छे दिन दिखलायेंगे

अभी तो बस शुरुआत की है
अच्छे दिन तो अब आएंगे

Unknown said...

Sir please contact come back

Unknown said...

Sir aapko sho se nikal diya ye sun kar bhot afsos huva jab koe ghtna ght ti he uska sach ujagar aap jese patrkar karte he bhot dukh ki bat he aese sachche imandar logo ko hi satta ka dur upyog kar ke nikal diya jata he sir hame ummid he ki aap jald hi hamare rubaru honge aapke sath aaj bhart ke 135 crod ki janta aap ke sath he aapne jo ladai ka aagaz kiya he janta 2019 me anjam degi

Unknown said...

Sir aapko sho se nikal diya ye sun kar bhot afsos huva jab koe ghtna ght ti he uska sach ujagar aap jese patrkar karte he bhot dukh ki bat he aese sachche imandar logo ko hi satta ka dur upyog kar ke nikal diya jata he sir hame ummid he ki aap jald hi hamare rubaru honge aapke sath aaj bhart ke 135 crod ki janta aap ke sath he aapne jo ladai ka aagaz kiya he janta 2019 me anjam degi