बंधु दिल्ली में कोई हमें घर देने को तैयार नहीं है। यह ना तो मुंबई की तर्ज पर किसी मुस्लिम का कथन है और ना ही घर ढूंढने वाले किसी बेरोजगार का। जिससे किराया मिलेगा या नहीं इस डर से मकान मालिक घर देने से इंकार कर दे। यह शब्द अरविन्द केजरीवाल के हैं। जी, वही केजरीवाल जिन्होंने दिल्ली में बेघरों को घर दिलाने की जद्दोजहद की। ठंड भरी रातों में खुले आसमान तले रात बेघरों को गुजारनी ना पड़े इसके लिये केजरीवाल के मंत्री जद्दोजहद करते रहे। उसी केजरीवाल को दिल्ली में कोई किराये पर मकान देने को तैयार नहीं है। केजरीवाल ने दिल्ली का सीएम बनने के बाद डीटीसी बसों को रैन बसेरा में तब्दील किया। दो हजार से ज्यादा बेघरों के लिये छत की व्यवस्था ४९ दिनों की सत्ता के दौरान कर दी गयी। जिन बस्तियों में सिर्फ घर थे लेकिन घर बिजली -पानी से महरूम हुआ करते थे, वहां बिजली पानी व्यवस्था कराकर घरों को आबाद किया। बच्चों की किलकारियां घुप्प अंधेरे में समाये घरों में लौटी क्योंकि बल्ब जगमगाने लगे। मां-बाप खुश हुय़े कि उनकी जेब पर कोई डकैती नहीं डाल रहा है। रसोई में चूल्हा बंद कराने वाले बिजली के बिल कम हुये। कुछ के माफ हुये। बिलों के सौदागरो की दुकानें बंद हुई। लेकिन इसी केजरीवाल को कोई मकान देने को तैयार नहीं है।
तिलक लेन के सरकारी आवास को खाली कराने के लिये केजरीवाल के खिलाफ प्रदर्शन भी हुये और नारे भी लगे। लेकिन ना तो किसी नारे लगाने वाले को पता था ना ही तख्तियों पर केजरीवाल के खिलाफ घर खाली करो के शब्द लिखने वालों को कि घर के भीतर जो दर्द पसरा है, उसमें पत्नी परेशान है कि घर खाली कर कहां जाएं। बच्चों के दोस्त पहले स्कूल में अब अड़ोस-पड़ोस के खेलते वक्त पूछ लेते हैं। घर खाली कर कब जा रहे हो य़ा फिर क्या कोई घर मिला। पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार में एक शख्स घर देने को तैयार हो गया तो केजरीवाल का पूरा परिवार ही सामाने की गठरी बांधने में लग गया कि दो दिन के भीतर घर खाली कर देंगे। शनिवार-रविवार को सामान चला जायेगा। और फिर सोमवार को मयूर विहार में मिलेंगे। शुक्रवार को टेलीफोन पर यही कुछ केजरीवाल ने कहा। और यह भी कहा कि अब मयूर विहार में मिलेंगे। वक्त हो तो आइयेगा। मैंने भी कहा चलिये जो लोग आपको सरकारी मकान छोडने के लिये नारे लगा रहे थे उन्हें अब सुकुन होगा। और जिक्र सरकारी मकान के ८४ हजार रुपये किराये का नहीं होगा। सुकुन की राजनीति का नहीं होगा। बात आयी-गयी हो गयी। मुझे भी लगा कि यह तो खबर है कि केजरीवाल सरकारी घर छोड़ कर किसी किराये के घर में जा रहे हैं। तो न्यूज चैनल के स्क्रीन पर खबर चल पडी-केजरीवाल घर खाली करेंगे । रविवार को झटके में मैंने सोचा कि केजरीवाल घर खाली कर रहे हैं तो आखिरी बार उन्हें सरकारी घर में मिल लिया जाये। भरी दोपहरी में तिलक लेन के सरकारी घर में पहुंचा। तो केजरीवाल अकेले घर में मिले। कुछ इधर उधर की बात होती रही। राजनीतिक तौर पर देश के हालात पर भी चर्चा हुई।
लेकिन कुछ देर बाद ही केजरीवाल की पत्नी पहुंची। और शांत बैठे केजरीवाल से कुछ गुफ्त-गू करने लगीं। फिर अचानक मेरी तरफ देख कर बोली हम किराये के घर के बारे में बात कर रहे हैं। लेकिन अब आप इसे खबर ना बनाइएगा। क्यों क्या हुआ। आपका सामान तो शिफ्ट हो रहा होगा। अरे नहीं। केजरीवाल बोले । आपने खबर दिखायी और मकान मालिक ने घर देने से ही मना कर दिया। क्यों। क्योंकि घर मालिक को लगा कि केजरीवाल को मकान देंगे तो फिर मीडिया भी आयेगा और नगर निगम को दिखाये नक्शे से इतर एक कमरा जो बना लिया है, उस पर सभी की नजरें जायेंगी। तो फिर बेवजह सफाई देते रहनी होगी। केजरीवाल की पत्नी दुखी थीं। चेहेरे पर हताशा थी। खुद दो महीने बाद प्रमोट होकर इनकम टैक्स कमीशनर के पद पर होंगी। लेकिन आम आदमी के लिये संघर्ष करते केजरीवाल की फितरत ने पत्नी को भी उसी संघर्ष के बीच ला खड़ा किया, जहां राजनीति करते हुये एक चल रही व्यवस्था को चुनौती देते हुये सामान्य जिन्दगी जीना कितना मुश्किल हो सकता है, उसके जख्म हर क्षण पूरा परिवार खामोशी से आज सीने पर ले रहा है। पत्नी खुद आईआरएस अधिकारी हैं। एक महीने बाद प्रमोट भी हो जायेंगी। फिर इन्कम टैक्स कमिश्नर हो जायेंगी। यानी अभी भी कोई छोटा पद नहीं है। लेकिन ना कोई क्वार्टर है ना कोई विभाग। दिल्ली में सत्ता बदली है। केजरीवाल ने और किसी को मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को वाराणसी जाकर चुनौती दी थी तो क्या यह चुनौती लोकतंत्र के दायरे से इतर थी। कौन सा डर केजरीवाल परिवार को खामोश किये हुये है। जो केजरीवाल दिन में बैटरी रिक्शा वाले के हक के लिये दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग से तर्क करते हैं। शाम होते होते
मोहल्ला सभा में हर बस्ती हर कालोनी वालो के दर्द के निपटारे का रास्ता निकालने में भिडे रहते है। और शाम ढलने के बाद घर पर पहुंचने वाले हर दुखियारे की गुहार को सुन कर जल्द ही कुछ कर देने का आश्वासन देते हों।
वही शख्स एक अदद किराये के मकान को लेकर परिवार को भी भरोसा ना दे पा रहा है। और पत्नी बच्चों को अपने पति अपने पिता पर गर्व हो। सरकारी घर के एक कमरे में बूढे मां बाप भी हर आने जाने वाले को देखते हों। घर के बाहर कतारों में खड़े लोगों की बेटे केजरीवाल से काम कराने की तसल्ली पाकर ही लौट जाते हों। वह खुद किस मानसिकता में होगा इसका अहसास शायद खामोश कमरे में पत्नी के शब्दों से ही टूटता है या कहे कही ज्यादा खामोशी ओढ कर निकलने के हालात पैदा करता है। क्योंकि जिस दिल्ली के लिये सबकुछ छोड़ा उसी दिल्ली में घर किराये पर देने से पहले कोई पूछंता है , आपके यहा तो बहुत लोग आयेगें । तो कोई राजनीतिक नेताओ का खौफ दिखाता है । आपको घर दे दिया तो मोहल्ले के छुटमैया नेता ही सही लेकिन परेशान करेंगे । किसी को लगता है केजरीवाल को घर किराये पर दे दिया तो इलाके के नगर निगम अधिकारी से लेकर कांग्रेस-बीजेपी के नेताओ के भी निशाने पर वह आ जायेगा। आपने तो दिल्ली को ताकत दी। ल़डना सिखाया । तो क्या दिल्ली कमजोर और डरे हुये लोगो का शहर है। नहीं मै यह तो नहीं कह सकता। लेकिन फिलहाल तो एक अदद किराये का घर चाहिये। तो फिर केजरीवाल क्या करें । क्या दिल्ली छोड यूपी में डेरा डाल दें। जहा कानून -व्यवस्था चाहे चौपट हो लेकिन नोयडा या गाजियाबाद में तो घर मिल जायेगा। इन इलाको में घर मिल रहे हैं। नहीं नहीं दिल्ली की सियासत इतनी भी अंधेरी नहीं है। यहां राजनीति इतनी भी
जहरीली नहीं हुई है। सबकुछ है। इसलिये मैंने बार बार व्यवस्था बदलने का जिक्र किया था। डरे हुये लोगो को उनकी ताकत का एहसास कराना चाहता था। लेकिन आम आदमी को जबतक ताकत मिलती ताकतवर लोग ही डर के साथ एकजुट हो गये । और वही डराते हैं। शायद संघर्ष करने की राजनीति का क्या मोल होता है या क्या क्या चुकाना पडाता है यह सब हम देख रहे हैं। लेकिन हर कोई शामोश है । किसी को केजरीवाल में मसालेदार खबर चाहिये। किसी को केजरीवाल का संघर्ष में सबकुछ लुटाना ताकत देता है। किसी को केजरीवाल का अतीत सुकुन देता है। किसी राजनेता को खामोश केजरीवाल से राजनीतिक ताकत मिलती है । तो सत्तादारी को बिना मांगे केजरीवाल को सरक्षा दे कर सुरक्षा के कटघरे में अलग थलग खड़ा कर देना राहत देता है। क्योंकि कोई भी अवस्था केजरीवाल को आम आदमी नहीं मानती। और केजरीवाल भी हट किये हुये है कि वह संघर्ष आम आदमी को लेकर ही करेंगे। चाहे चारदीवारी के बाहर यह सवाल का आ पाये कि कौशांबी का क्वार्टर दिल्ली को संभालने के लिये छूटा । पत्नी के छत से सरकार क्वार्टर का हक दिल्ली के आम आदमी के हक के लिये छूटा। क्योंकि दिल्ली का सीएम बना तो कौशंबी का घर छोड दिल्ली आना ही पडा । अब बेटी की परीक्षा समाप्त हो चुकी है रिजल्ट निकल चुका है । तो सरकारी घर छोड तो दें लेकिन कमाल है कोई घर ही नहीं दे रहा । यह आखिरी लफ्ज केजरीवाल ने जिस सरलता घर से निकलते निकलते कह दिया, उतनी ही दुविधा थी इस सरल शब्दो को पचाने में लगे क्योकि जिस वक्त केजरीवाल ने राजनीति शुरु की कमोवेश हर मोहल्ले में महज एक रुपये की टोकन किराये पर दर्जन भर लोग घर देने को तैयार थे । और अब केजरीवाल मुस्कुराते हुये कहते है बंधु दिल्ली में हमें कोई किराये का मकान देने को तैयार नहीं है।
Tuesday, June 17, 2014
बेघरों को घर देने वाले को दिल्ली में कोई घर किराये पर देने को तैयार नहीं
Posted by Punya Prasun Bajpai at 11:05 PM
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
45 comments:
ये हुई न बात बाजपाई साहब, बहुत अर्से बाद आपने दिखा ही दिया की क्रोनी जर्नलिज्म क्या होता है। अगर कभी क्रोनी जर्नलिज्म पे कोई ग्रन्थ लिखा जायेगा तो उसमें आपका यह "क्रन्तिकारी" लेख पहले अध्याय में होगा। जनता को नो उल्लू बनाएंग, अगर केजरू की पत्नी को कौशाम्बी में सरकारी फ्लैट मिल सकता है तो फिर वो क्यों दिल्ली रहना चाहता है। अरे जाइये, ये किस्से किसी और को सुनाइए। भला आपकी फेवरेट लुटियंस की दिल्ली का घर केजरू ऐसे ही छोड़ दे क्या? यहाँ तो 2G वाले राजा ने तिहाड़ यात्रा के बाद अभी तक बंगला नहीं छोड़ा, युगपुरुष केजरीवाल कैसे छोड़ दें?? आखिर वो भी तो तिहाड़ यात्रा कर के आये हैं अभी-अभी। वैसे लेख बहुत "क्रन्तिकारी" है, बड़ा रिएक्शन आएगा इसपे। इतना आएगा की "क्रांति" हो जाएगी।
यह सच में दुखद बात है। पर यह तो इसानी फितरत है प्रसून जी लाख धक्के खा ले बदलेगा नहीं... कभी मुफ्त घर देने वाले लोग आज कहां गायब हैं। क्या मान मुख्यमंत्री पद का था इसांन का नहीं? दिल्ली जल रही है बस राख़ बटोरने को लोग जुगाड़ लें.. वरना हवा के झोखे राख़ भी नसीब नहीं होने देगें...
sir you wrote details of Kejriwal problem . But why cant he is going back to his wife's government house where he was staying before moving to CM house. One frank suggestion just leave the job and join AAP it will be great justice to Media. If you want to write on something then give balance view, don't show one side. He himself made the issue for use of Public House by Politician. Now either he has to say sorry for all his Hungama or vacate the house.
One more thing you had lost the credibility of report by working as AAPTAK reporter.
sir you wrote details of Kejriwal problem . But why cant he is going back to his wife's government house where he was staying before moving to CM house. One frank suggestion just leave the job and join AAP it will be great justice to Media. If you want to write on something then give balance view, don't show one side. He himself made the issue for use of Public House by Politician. Now either he has to say sorry for all his Hungama or vacate the house.
One more thing you had lost the credibility of report by working as AAPTAK reporter.
Badhayi ho sir... AAP fir se Kranti laane ki koshish kar rahe hain. Bahut hi Krantikaari prayaas.
Sir kya kare humari ye mansikta to sadiyo se rahi h bhagat singh paida to Ho par padosi k ghar me.....hum khud apne liye to kuch karne se rahe aur jo kisi ne kuch karne ki kosis ki to uski tang kichne ko hum hi sbse pehle tayar baithe rhte h....kya kare saab jo gulami karne ka kida sadiyo se humare nason me ghus baitha h use itni jaldi kaise nikale...pehle mughlo ki fr angrejo ki aur ab netao ki....aur sab se badi baat sir hum apna comfort zone se compromise ni krna chahte chahe wo humari hi bhalai ki khatir ho...kejriwal to kuch un chuninda paglo me se h jo apna swarth chhor unhi ke haq ki ladai ladta h jo khud din bhar baith use gali dene ke siwa aur kuch ni krte...pta ni kab dimag se sochna suru karenge aise log ki uske sangharsh me bhalai hum sab ki hi h....chodiye waise bahut dino baad kuch aisa padh achha laga ki at least chalo iman Abi b jinda h jo sikke ke dusre pehlu ko dikhane ki kosis ki apne ...dhanyavad aapka
Sir imandaar aadmi ko khud apne ghar mein jagah nahi milti to phir satta mein kaha milegi.
Bus hum log tamasha dekh sakte hai.ya phir ek dusre ko netao ki tarz per jalil kar sakte hai.
Bahut dukh ke saath likh raha hu ki na to is desh se kabhi bhrastachar khatam hoga aur na hi bhrastachari khatam hoga.
Namskar!
पुण्य भाई, नमस्कार,
आपने बहुत बेहतरीन लेख लिखा है इसके लिए साधुवाद लेकिन इस लेख पर आये कमेंट्स आप की आत्मा को जगाने के लिए कॅाफ़ी है, याद कीजिये इस लेख और आज तक के चैनल पर बैठ कर कीगई आपकी एंकरिंग को दोनों में कितना विरोधा भाष है, जिसके पक्ष में आपका चैनल आप से आपकी आत्मा के खिलाफ बुलवाता है उसी के समर्थक इस लेख पर आपको अभद्र भाषा से सम्मानित कर रहे हैं, आप की पत्रकारिता और आपके निष्पक्ष जज्बे का मेरे जैसे लोग कायल हुआ करते थे लेकिन आप अपने पेशे के बजाय अपनी नौकरी को अहमियत देकर इन इस तरफ के हुए न उस तरफ के , आप की आज की स्थिति में आप पर दया आती है और आज के भौतिक उपभोक्तावादी समाज पर क्रोध इस भौतिकता की चाह ने एक बेहतरीन पेशेवर पत्रकार को निगल लिया। आशा है मेरे थोड़े से कहे को ज्यादा समझेंगे।
bjp ki najayaj awlad abb bjp election kny nahi chahti delhi main
चैनल पर आप कुछ भी बात करते हों लेकिन आप सचाई से रूबरू हैं और उसे अपने मंच से हिम्मत कर प्रस्तुत भी कर रहे हैं, अच्छा लगा.....। देखते हैं अरिवन्द जी का संघर्ष कहां तक रंग लाता है.....
आप जैसे देश प्रेमियों की मानसिकता के कारण ही यह भारत भूमि बार बार गुलाम हुईं,१८५७ की क्रांति के नब्बे साल बाद आजादी मिली,पर आप जैसे आजादी चाहते ही नहीं है,आपका घर चल रहा है बस,देश का क्या वह तो अंग्रेजों ने भी चलाया अपने घर भरने वाले भी चला रहे हैं,केजरीवाल ही पागल हैं जो IRS,CM के पदों को छोड़कर आया,उसे चोरी नहीं आती इसलिये गवर्नेंस नहीं आती,लाल बत्ती नहीं ली इसलिए CM के लिए ठीक नहीं,ईमानदार हैं इसलिए पागल हैं...shame on person like you those are working as CANCER
This is matter of NATIONAL SHAME,otherwise He was a CM,previously worked As IRS OFFICER,IITIAN ALL THESE POSITIONS COULD GIVE HIM ENOUGH LIFE STYLE AS CORRUPTS ARE LEADING WHY IN DELHI PUBLIC LOOKING FEARED TO GIVE HOUSE TO HIM,HE IS ENTITLE TO GET GOVT ACCOMMODATION AS MLA ALSO,BUT IF ARVIND WILL GET WE MAY SEE STOMACH PAIN OF MANIES INCLUDING MEDIA, THIS IS SHAMEFUL SITUATION FOR SUCH A GREATMAN
श्री बाजपेई जी ,
श्री अरविंद केजरीवाल जी को घर तो '' आज नहीं कल मिल ही जाएगा '' लेकिन वह सम्मान नहीं मिलेगा जो दिल्ली की जनता सहित समूचे देश में उन्हें कुछ समय पहले तक मिला करता था , इसका कारण आप भी जानते है और श्री केजरीवाल जी भी जान गए होंगे ? आपने '' आप '' के ४९ दिन के कार्यकाल का जिक्र किया है , उसमे यह जरूर जोड़ लीजिये की उसी दौरान दिल्ली में भीषण ठण्ड से २०० से अधिक '' बेघर '' आम लोग ,असमय काल कवलित हो गए , श्री केजरीवाल जी और इनके मंत्रियो को रैनबसेरों का देर रात भ्रमण करते सभी न्यूज चेनलो ने दिखाया था , किन्तु इन लोगो की संवेदनहीनता देखिये , जब खबर आई की '' १८ जनवरी १४ '' की एक रात में ११ लोग ठण्ड से मर गए, ये महाशय धरने की धमकी देने में व्यस्त थे , उसके बाद लगातार लोग मरते रहे किसी ने उनकी चिंता नहीं की ?
किसी भी सरकार का पहला काम होता है , '' अपने प्रदेश की जनता की जान ,माल की रक्षा करना , जिसमे श्री केजरीवाल जी की सरकार बुरी तरह से फैल हुई , जिसके कारण उन्हें आज '' ये दिन देखने पड़ रहे है ''
[ लालची धामेचा , पत्रकार, नरसिहपुर , म. प्र. १८ जून ]
Its shameful dat v abuse d system n politicians in our drawing rooms n then punish d one who supports truth n fights fr aam aadmiz right....v talk against politicians n then vote for them...v ask kejriwal wat he did in 20days n y he ran away but v r scared to ask questions to seasoned netaz....v worship them n silently abuse them but we will never trust the good intentions of change makers......Sad
Its shameful dat v abuse d system n politicians in our drawing rooms n then punish d one who supports truth n fights fr aam aadmiz right....v talk against politicians n then vote for them...v ask kejriwal wat he did in 20days n y he ran away but v r scared to ask questions to seasoned netaz....v worship them n silently abuse them but we will never trust the good intentions of change makers......Sad
आपके विचार सहरानीय है हमने तो लिस्ट बना रखी है अाप जैसे विचारशील लोगो कि ताकि देख सके कि आप कब इन नेताओ कि औखात देखेने मे सक्षम बनेगें उम्मीद है अगले पांच साल बाद जो चुनाव होगें फिर देखेगें
People like you are the reason India cannot develop.If Kejriwal was a corrupt person like Modi or sonia or Mulayam and many others, he would have 10 houses in Delhi and wouldn't have been running around for a house on measly rent.But perfect idiots like you are trying to bring down the same person who wants to give power to common people like you and me.
याद आता है मुझे भगत सिंह का दर्द जब उन्होंने कलकत्ते में अपनी उपेक्षा पे कभी थी....यही हाल केजरीवाल का है... समय ने हमें एक शेर दिया है. एक और भगत दिया है.. और भगत सिंह इसबार फांसी पे नहीं चडेगा.. विश्वास है मुझे
Its time, Wait it will turn again...
इंसानियत का जमाना ही न्ही है. देश लुटो और ऐश करो.
Janaab aap aye hai kisse sunne is blog par...nahi pasand to jaaiye..
Sumit awasthi ke kisse suniye
Begharo ko bevakoof banana wale Kejriwal ki asliyat jaane par koi unhe ghar nahi dega. Ye Paltu pehle CM bana Congress ke saath. Ye decision inhone SMS se le liya... Fir inhe laga ye poori india ko bevakoof banayenge aur PM banege aur jhat se resign kar diya.. Maze ki baat ye hai ki inhone koi SMS poll nahi liya.. aakhir PM jo banna thaa.. CM bahut choti cheez ho jaati hai PM ke aage. Kahaaa Dilli ka CM.. kahaa DILLI ki problems..Lekin Varanasi mein logo ne 2.5 lakh joote maarkar vaapis (flight se) bheja.. ab inki netagiri chaloo hai. ab inhe CM fir se banna hai.. ab ye logo ki sunna chaahte hai.. abe inhe congress yaad aayi.. fir congress ne bhi joote maar diye.. Ab inhe elections karane hai.. aur maze ki baat ye hai KI DECISIONS SAARE INKE LEKIN GALTI BJP KI..hahahahahaha.. hadh hoti hai nautanki kejri babu ki. Paap Prasoon is nothing but the communist stooge!!
बहुत अच्छा और सही लिखा है प्रसून जी ..ईमानदारी की कीमत चुका रहे हैं केजरीवाल ..वरना आज CM के बंगले में आराम से बैठे होते और 50 सेक्युर्टी वाले आगे पीछे रहते हमेशा ॥ पर ये बात इन सत्ता के भोगियों को देखते आ रहे लोगो के समझ में नही आएगी॥ गर्व है हमें की केजरीवाल जैसा इंसान भारत देश में पैदा हुआ..अरविंद ने भारत वासियों को ही नहीं पूरी दुनिया में ये संदेश फैलाया है की आम आदमी की ताकत क्या होती है ॥ कैसे आम आदमी भी बड़े बड़े दिग्गजों के सहमने सीना तान के खड़े हो सकता है और चुनाव लड़ सकता है ॥
गर्व है अरविंद हमें तुम पर ..
कुछ तो शर्म करो,कैसे पत्रकार हैं,हैं भी या नहीं यह विवेचना का विषय है,या फिर बेरोजगारी ने बना दिया,दुर्भाग्य है देश कि to have person like you as reporter
I have written few reply on comments not for Mr Bajpai,He is honest person like ARVIND KEJRIWAL
In this world if a person is honest and dedicated to serve the nation,the whole mandali of the corrupt people in the system will mangae the situation in which the honest people will be hanged and will proved culprit.
Prasun,Just recall the NAMAK KA DAROGA written by Munshi Premchand.How basidhar was proved guilty and Pandit Alopidin was set free by purchasing whole sysytem.
The same system is trying to....................with Arvind.
Ranjan
In this world if a person is honest and dedicated to serve the nation,the whole mandali of the corrupt people in the system will mangae the situation in which the honest people will be hanged and will proved culprit.
Prasun,Just recall the NAMAK KA DAROGA written by Munshi Premchand.How basidhar was proved guilty and Pandit Alopidin was set free by purchasing whole sysytem.
The same system is trying to....................with Arvind.
Ranjan
sachmuch. na to aap logon mein akal hai , na sense hai. bas ek mala le lo aur apne "achche din" wale bhagwan ji ka jaap karo. Moksh to usi se milega na .Get Well Soon
श्री सक्सेना जी , आप जैसे लोगो ने ही श्री अरविन्द केजरीवाल को गलत फैसले लेने के लिए मजबूर किया , जिसके कारण '' वे '' आज बैकफुट पर आ गए , यदि उन तक सही बात सही समय पर पुहँचा देते तो आज हालात कुछ और होते। आपने मेरे प्रोफेसन पर टिप्पणी की है उस पर सिर्फ इतना ही कहूँगा कि '' कौन क्या है ,और क्यों है , यह न पूछ ' ग़ालिब ' गर हम अपनी पर आ गए तो , तुझे मुह छुपाने जगह न मिलेगी '' ....
केजरी गाथा गाने में आपने जितनी मेहनत की , उतनी तो मुंशी प्रेमचंद ने "पूस की रात" लिखने में नहीं की होगी । दर्द उभर कर आँखों में आंसू बन के उतर आए । बस कर पगले , अब रुलाएगा क्या ।
यूँ ही क्रांतिकारी नहीं बन जाता कोई .....
I am going to be very brutal today. I am not going to spare anyone today. My blood boils in rage, my eyes are red, and my temples throb as I go through Punya Prasoon’s update.
DelhiWallahs Shame on you
1. He gave you free [α] water and electricity and you couldn’t provide him a shelter
2. He made sure that corrupt[β] [γ]rot behind the bars and you couldn’t provide him a shelter
3. He made Delhi safe [δ][ ε] for women and you couldn’t provide him a shelter
4. He drove the drug peddling Nigerians [ζ] out of Delhi, and you couldn’t provide him a shelter
5. He sat down on a Dharna [η] to make sure Delhi Police comes under Delhi Government’s ambit and you couldn’t provide him a shelter
6. He fought against Congress [θ] and you couldn’t provide him a shelter
7. He was your chief minister [ι] and you couldn’t provide him a shelter
8. He left all worldly comforts [κ] for you and you couldn’t provide him a shelter
9. He was the mascot of communal harmony [λ][ μ] and you couldn’t provide him a shelter
10. He was the last hope of India[ν] and you couldn’t provide him a shelter
11. He challenged[ξ] the might of Congress and BJP and you couldn’t provide him a shelter
12. He was the beloved [π] of the media and you couldn’t provide him a shelter
Shame on you DelhiWallahs, Shame on you:
References:
[α] – One of the many populist schemes announced by Kejriwal. Free water announced only for selected areas and that too with working meters
[β]– No case filed against any Congress Minister
[γ] – Sheila Dixit managed to slip under his nose and got Governor's immunity by taking up the post of Governor of Kerala
[δ] – Atrocities against women didn’t stop in Delhi. A foreign national was gang raped in the capital
[ε] – Instead of acting sternly, Kejriwal did another Dharna
[ζ] – Somnath Bharti, the then law minister was widely criticized for being a vigilante and for conducting raids without warrants
[η] – Actually the dharna was to save Somnath Bharti
[θ] – And surprised everyone by accepting “external and unconditional” support of the Congress
[ι] – Ran away after 49 days
[κ] – Worked for 49 days and used the CM residence for 172 days
[λ] – Met Tauqeer Raza(infamous for his Fatwas) and asked for his support and guidance in the elections
[μ] – Declared Batla house encounter fake to appease minorities
[ν] – His party indulged in making many anti India remarks. Pro Kashmir separatism stand and support of Maoists being chief among them
[ξ] – Created world record with maximum number of “Deposit Forfeited” candidates
[π] – Famously challenged to put everyone in the Media behind the bars
- Atul Mishra
the frustrtaed indian
यही मनुष्य की मानसिकता है और जो लोग आज केजरीवाल सर के बारे में उल्टा सीधा बक रहे हैं आगे जाकर मानेंगे की अगर उस आदमी को मौका दिया होता तो शायद देश बदल सकता था, हम भारतीय इतने साल गुलाम रहे शायद इसीलिए गुलामी की मानसिकता से ग्रसित हैं. जो हमारे लिए लड़ता है इसको आंख दिखाते हैं और जो हमें डराता है उसको देखकर पूँछ नीची कर लेते हैं, खैर उही उम्मीद करता हूँ की शायद अब भी लोगों को अक्ल आ जाये और देश सुधरे
jab logon pe julm hota hai unhe kuchla jata hai, unka haq mara jata hai tab unka dil kehta hai ki koi masiha ho jo unki raksha kare. lekin ek aam aadmi itna kamzor hai ki woh apne liye nahi khada ho sakta to dusreke liye kya khada hoga.
mujhe ghreena nahi unlogon se balki main prarthna karoonga ki bhagwan unhe shakti de.
punya ji maan gaye apko koi kisi kee itni bhi chaat sakta hai... aap us kee tarafdaari kar rahe ho jiske pas apne khud ke 3 ghar hai aur aap bol rahe ho use ghar nhi mil raha... 2 ya 4 ghar to aapne bhi ne bhi bana rakhe honge.... unme q nhi jagah de dete hai aap.... par hume pata hai yeh sab sirf ullu banane ka kaam hai... kuch aap jaise hee log hoge aap se 70 saal pahle jo firgiyon kee chat chat kar humara yeh haal kara diya... kuch sharm baki ho to patrakarita chor do aur apne paapo ka prashchit karo... tum jaise log apne liye apne kaam to kya apne faimly member tak kee numaish kar sakte ho.... aur aap to ho b baht kranti kari aur aaap ke mitra b baht kranti kari hai... aap bol rahe ho unhone begharo ko ghar dilaya aap bata de kon se begharo ko manish sisodiya be ghar the som nath bharti beghar the.... ya aur sabhi mantri be ghar hai... ek ghar chorne me aap log itna tamasha kar rahe ho aur aap bolte ho kee aap aam aadmi ho... dub maro tum log.... aap ek salah hai kee ap apna kaam chor kar aam aadmi party join q nhi kar lete hume aap ko pehchanne me baht aasani hogi.... aur aasha karta hoon kabhi to aapka zameer jagega aur aap sach samne laoge....
punya ji maan gaye apko koi kisi kee itni bhi chaat sakta hai... aap us kee tarafdaari kar rahe ho jiske pas apne khud ke 3 ghar hai aur aap bol rahe ho use ghar nhi mil raha... 2 ya 4 ghar to aapne bhi ne bhi bana rakhe honge.... unme q nhi jagah de dete hai aap.... par hume pata hai yeh sab sirf ullu banane ka kaam hai... kuch aap jaise hee log hoge aap se 70 saal pahle jo firgiyon kee chat chat kar humara yeh haal kara diya... kuch sharm baki ho to patrakarita chor do aur apne paapo ka prashchit karo... tum jaise log apne liye apne kaam to kya apne faimly member tak kee numaish kar sakte ho.... aur aap to ho b baht kranti kari aur aaap ke mitra b baht kranti kari hai... aap bol rahe ho unhone begharo ko ghar dilaya aap bata de kon se begharo ko manish sisodiya be ghar the som nath bharti beghar the.... ya aur sabhi mantri be ghar hai... ek ghar chorne me aap log itna tamasha kar rahe ho aur aap bolte ho kee aap aam aadmi ho... dub maro tum log.... aap ek salah hai kee ap apna kaam chor kar aam aadmi party join q nhi kar lete hume aap ko pehchanne me baht aasani hogi.... aur aasha karta hoon kabhi to aapka zameer jagega aur aap sach samne laoge....
AAp to Kejriwal ko masiha bana ke pesh kia hae or pahle bhi karte rahe haen. Isse pahle maene aapko kabhi bhi kisi ki itni tarafdari karte nahi dekha.Public sachhi janti hae or kejriwal ko bhi. meri aapko ek free me advice hae ki satya ka sath den or aapna lebel na giyayen.Aap india ke top most jounnlist haen ise maintain rakhen.
प्रसूनजी, केजरीवाल को दिल्ही में कोई घर किराये पर देने को तैयार नही, ये वाली बात हजम नही होती. केजरीवाल कभीकभार अतिशयोक्ति कर देते है सो उन्होने आपको बताया होगा कि देखो मुजे दिल्ही मे किराये पर घर नही मिल रहा है. हो भी सकता हो की उन्हे दो-तीन जगह से मकानमालिक ने घर देने से इन्कार किया हौ. उसके कारण और होगे लेकिन वो एकलदोकल बात से केजरीवाल को दिल्ही मे घर किराये पर नही मिल रहा है एसा निवेदन जारी कर देना योग्य नही है. ऐसी बाते फेलाने से केजरीवाल को बचना चाहिए औऱ आपको भी नही लिखना चाहिए. केजरीवाल अच्छे इंसान लग रहे है लेकिन एसा वाकया बता कर लोगो की सहानुभुति को इतनी ज्यादा नही बटोरनी चाहिए, इसमे विवेक आवश्यक है. छोटी-छोटी बातो पर लोगो कि भावना की नब्ज दबा देना ठिक नही है. इससे अंततः समाज में विकृति पनपती है.
प्रसूनजी में आपका शुभचिंतक हुं, कृपया, इस बात को अन्यथा न ले.
wah prashun ji. ye to krnati aa gyi. logo ko dar hai ki ek bar ghar kejri ko diya, to khali karate time kejriwal unpe hi aarop lagaenge.
waise aapka ye blog bahut hi krantikari tha. KRANTIKARI BAHUT HI KRANTIKARI.
wah prashun ji. ye to krnati aa gyi. logo ko dar hai ki ek bar ghar kejri ko diya, to khali karate time kejriwal unpe hi aarop lagaenge.
waise aapka ye blog bahut hi krantikari tha. KRANTIKARI BAHUT HI KRANTIKARI.
सब समय की सिलवटें हैं
aapke krantikari prayas abhi bhi jaari hain. Desh ka sabse bada imaandar neta pichhle kai mahino se sarkari makaan par kabja karke baitha hai lekin hamare krantikari patrkaar chamchagiri se baaj nahi aa rahe. Videshi chande ka itna Ghanghor asar hoga kabhi socha nahi tha.
This guy is good, but I wonder what is his problem ?? He still thinks to pull rabbit out of a hat (AK), which is not possible. I will be not surprised if you join AAP in coming days. Moreover, except Barkha Dutt & another journo, I have not seen anyone favoring any specific party. But, I want to ask you, why don't you trust people's mandate ?? And Kejriwal is no god, so its a fool's gold to bet on. Your comments seems Marxist, and I doubt your any knowledge on economics. Lastly, you are not bad in your job, but favoring any party is not your religion. Get Well soon !
This guy is good, but I wonder what is his problem ?? He still thinks to pull rabbit out of a hat (AK), which is not possible. I will be not surprised if you join AAP in coming days. Moreover, except Barkha Dutt & another journo, I have not seen anyone favoring any specific party. But, I want to ask you, why don't you trust people's mandate ?? And Kejriwal is no god, so its a fool's gold to bet on. Your comments seems Marxist, and I doubt your any knowledge on economics. Lastly, you are not bad in your job, but favoring any party is not your religion. Get Well soon !
Post a Comment