एक मार्च 2016 को विजय माल्या संसद के सेन्ट्रल हाल में वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिलते हैं। दो मार्च को रात ग्यारह बजे दर्जन भर बक्सों के साथ जेय एयरवेज की फ्लाइट से लंदन रवाना हो जाते हैं। फ्लाइट के अधिकारी माल्या को विशेष यात्री के तौर पर सारी सुविधाये देते हैं। और उसके बाद देश में शुरु होता है माल्या के खिलाफ कार्रवाई करने का सिलसिला या कहें कार्रवाई दिखाने का सिलसिला। क्योंकि देश छोड़ने के बाद देश के 17 बैंक सुप्रीम कोर्ट में विजय माल्या के खिलाफ याचिका डालते हैं। जिसमें बैक से कर्ज लेकर अरबो रुपये ना लौटाने का जिक्र होता है और सभी बैंक गुहार लगाते है कि माल्या देश छोड़कर ना भाग जाये इस दिशा में जरुरी कार्रवाई करें। माल्या के देश छोडने के बाद ईडी भी माल्या के देश छोडने के बाद अपने एयरलाइन्स के लिये लिये गये 900 करोड रुपये देश से बाहर भेजने का केस दर्ज करता है। माल्या के देश छोडने के बाद 13 मार्च को हैदराबाद हाईकोर्ट भी माल्या के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करता है। क्योंकि माल्या जीएमआर हेदराबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नाम जो पचास लाख का चेक देते हैं, वह बाउंस कर जाता है। 24 अप्रैाल को राज्यसभा की ऐथिक्स कमेटी की रिपोर्ट में माल्या को राज्यसभा की सदस्यतता रद्द करने की बात इस टिप्पणी के साथ कहती है कि 3 मई को वह माल्या को सदन से निलंबित किया जाये या नही इस पर फैसला सुनायेगी। और फैसले के 24 घंटे पहले यानी 2 मई को राज्यसभा के चैयरमैन हामिद अंसारी के पास विजय माल्या का फैक्स आता है जिसमें वह अपने उपर लगाये गये आरोपो को गलत ठहराते हुये राज्यसभा की सदस्यतता से इस्तीफा दे देते हैं। और अगले दिन यानी तीन मई 2016 को राज्यसभा के एथिक्स कमेटी माल्या की सदस्यता रद्द करने का फैसला दे देती है। उसके बाद जांच एजेंसियां जागती हैं। पासपोर्ट अवैध करार दिये जाते हैं । विदेश यात्रा पर रोक लग जाती है। तमाम संपत्ति जब्त करने की एलान हो जाता है। और किसी आर्थिक अपराधी यानी देश को चूना लगाने वाले शख्स के खिलाफ कौन-कौन सी एजेंसी क्या क्या कर सकती है, वह सब होता है। चाहे सीबीआई हो आईबी हो ईडी हो या फिर खुद संसद ही क्यो ना हो।
तो क्या वाकई देश ऐसे चलता है जैसा आज कांग्रेसी नेता पूनिया कह गये कि अगर संसद के सीसीटीवी को खंगाला जाये तो देश खुद ही देख लेगा कि कैसे माल्या और जेटली एक मार्च 2016 को संसद के सेन्ट्रल हाल में बात नहीं बल्कि अकेले गुफ्तगु भर नहीं बल्कि बैठक कर रहे थे। और यह झूठ हुआ तो वह राजनीति छोड देंगे। या फिर वित्त मंत्री अरुण जेटली बोले, माल्या मिले थे। पर बतौर राज्यसभा सांसद वह तब किसी से भी मिल सकते थे। पर कोई बैठक नहीं हुई। तो सवाल तीन हैं। पहला, जो संसद कानून बनाती है उसे ही नहीं पता कानून तोडने वाले अगर उसके साथ बैठे हैं तो उसे क्या करना चाहिये।
दूसरा, सांसद बन कर अपराध होता है या अपराधी होते हुये सांसद बन कर विशेषाधिकार पाकर सुविधा मिल जाती है। तीसरा , देश में कानून का राज के दायरे में सांसद या संसद नहीं आती है क्योंकि कानून वही बनते हैं। दरअसल तीनों सवालो के जवाब उस हकीकत में छिपे हैं कि आखिर कैसे विजयमाल्या सांसद बनते है और कैसे देश की संसदीय राजनीति करोडो के वारे न्यारे तले बिक जाती है। उसके लिये विचार , कानून या ईमानदारी कोई मायने नहीं रखती है। कैसे ? इसके लिये आपको 2002 और 2010 में राज्यसभा के लिये चुने गये विजय माल्या के पैसो के आगे रेंगते कांग्रेस और बीजेपी के सांसदों के जरीये समझना होगा। या फिर कार्नाटक में मौजूदा सत्ताधारी जेडीएस का खेल ही कि कैसे करोडों-अरबों के खेल तले होता रहा इसे भी समझना होगा और संसद पहुंचकर कोई बिजनेसमैन कैसे अपना धंधा चमका लेता है इसे भी जानना होगा। 2002 में कर्नाटक में कांग्रेस की सत्ता थी। तो राज्यसभा के चार सदस्यों के लिये चुनाव होता है। चुने जाने के लिये हर उम्मीदवार को औसत वोट 43.8 चाहिये थे। कांग्रेस के तीन उम्मीदवार जीतते हैं और 40 विधायकों को संभाले बीजेपी के एक मात्र डीके तारादेवी सिद्दार्थ हार जाते हैं। क्योंकि बीजेपी को हराने के लिये कांग्रेस जेडीएस के साथ मिलकर निर्दलीय उम्मीदवार विजयमाल्या को जीता देती है।
और मजे की बाज तो ये भी होती है कि बीजेपी के चार विधायक भी तब बिक जाते हैं। यानी रिजल्ट आने पर पता चलता है कि विजयमाल्या को 46 वोट मिल गये। यानी दो वोट ज्यादा। और तब अखबारों में सुर्खियां यही बनती है कि करोडों का खेल कर विजय माल्या संसद पहुंच गये। तब हर विधायक के हिस्से में कितना आया इसकी कोई तय रकम तो सामने नहीं आती है लेकिन 25 करोड रुपये हर विधायक के आसरे कर्नाटक के अखबार विश्लेषण जरुर करते हैं। आप सोच सकते हैं कि 2002 में 46 वोट पाने के लिये 25 करोड़ के हिसाब से 11 अरब 50 करोड रुपये जो बांटे गये होंगे, वह कहां से आये होंगे और फिर उसकी वसूली संसद पहुंच कर कैसे विजय माल्या ने की होगी। क्योंकि वाजपेयी सरकार के बाद जब मनमोहन सिंह की सरकार बनती है और उड्डयन मंत्रालय एनसीपी के पास जाता है। प्रफुल्ल पटेल उड्डयन मंत्री बनते हैं और तब विजय माल्या उड्डयन मंत्रालय की समिति के स्थायी सदस्य बन जाते हैं। और अपने ही धंधे के ऊपर संसदीय समिति का हर निर्णय कैसे मुहर लगाता होगा, ये बताने की जरुर नहीं है। और उस दौर में किगंफिशर की उड़ान कैसे आसामान से उपर होती है, ये कोई कहां भूला होगा। पर बात यही नहीं रुकती । 2010 में फिर से कर्नाटक से 4 राज्यसभा सीट खाली होती हैं। इस बार सत्ता में बीजेपी के सरकार कर्नाटक में होती है। और औसत 45 विधायकों के वोट की जरुरत चुने जाने के लिये होती है। बीजेपी के दो और कांग्रेस का एक उम्मीदवार तो पहले चरण के वोट में ही जीत जाता है। पर चौथे उम्मीदवार के तौर पर इस बार कांग्रेस का उम्मीदवार फंस जाता है। क्योंकि कांग्रेस के पास 29 वोट होते हैं। बीजेपी के पास 26 वोट होते है । और 27 वोट जेडीएस के होते हैं। जेडीएस सीधे करोडों का सौदा एकमुश्त करती है। तो 5 निर्दलीय विधायक भी माल्या के लिये बिक जाते हैं। और 13 वोट बीजेपी की तरफ से पड़ जाते हैं। यानी 2002 की सुई काग्रेस से घुम कर 2010 में बीजेपी के पक्ष में माल्या के लिये घुम जाती है। फिर कर्नाटक के अखबारों में खबर छपती है करोडों-अरबों का खेल हुआ है। इसबार रकम 25 करोड से ज्यादा बतायी जाती है। यानी 2002 की साढे ग्यारह अरब की रकम 20 अरब तक बतायी जाती है। तो फिर ये रकम कहां से विजय माल्या लाये होंगे और जहां से लाये होंगे, वहां वापस रकम कैसे भरेंगे। ये खेल संसद में रहते हुये कोई खुले तौर पर खेलता है। इस दौर में आफशोर इन्वेस्टमेंट को लेकर जब पनामा पेपर और पैराडाइड पेपर आते है तो उसमें भी विजय माल्या का नाम होता है। यानी एक लंबी फेरहिस्त है माल्या को लेकर। लेकिन देश जब नये सवाल में जा उलझा है कि संसद में 1 मार्च 2016 को विजयमाल्या लंदन भागने से पहले वित्त मंत्री से मिले या नहीं? या क्या वह वाकई कह रहे थे कि वह भाग रहे हैं, पीछे सब देख लेना। और पीछे देखने का सिललिसा कैसे होता है, ये पूरा देश देख समझ सकता है।
लेकिन आखिरी सवाल तो यही है कि जिस संसद में 218 सांसद दागदार हैं, उसी संसद के एक पूर्व सदस्य से अरबों रुपये लेकर कर्नाटक की सियासत और देश की संसद अगर 2002 से लेकर 2016 तक चलती रही तो यह क्यो ना मान लिया जाये कि संसद ऐसे ही चलती है और अरबों रुपये लुटाकर जो संसद पहुंचेगा वह देश को नहीं तो किसे लुटेगा।
Thursday, September 13, 2018
अरबों रुपये लुटाकर जो संसद पहुंचा, वह तो देश लूटेगा ही और सत्ता-संसद ही उसे बचाएगी
Posted by
Punya Prasun Bajpai
at
9:29 PM
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
38 comments:
पर सर क्यो नही इन पर मीडिया दबाब बनाती हैं।
सटीक विश्लेषण
Thank u sir.
That's why u r our fav
कुछ दिन पहले दिल्ली में हज़ारों की संख्या में “एलीयंस” आए थे और वे किसानों - मजदूरों के हितों की बात कर रहे थे पर एक हफ़्ते बाद भी मीडिया में कही कोई ख़बर नहीं ! वही माल्या मामले में सरकार का नाम आते ही पूरी मीडिया कीचड़ में कमल खिलाने की कोशिश कर रही ...��
शानदार विश्लेषण
Dost
Jab Hindustan ki Barbadi ki Kahani likhi jayegi
To pehle media ka hi nam aayega
Brbad gulistan karne ko bas 1 hi ullu kafi tha
Har shaakh pe ullu betha h anjam e gulistan kya hoga🤔🤔🤔
Thank you..
Sandar sir..
पूरा निचोड डाला सर आपने इस केस को... लेकिन माल्या और मोदी की क्या मिस्ट्री है इसका जिक्र नहीं आया...
Bjp htao desh bachao
पक्षपात पूर्ण विश्लेषण।
Great sir
अरबों देने के लिए इतने होने भी चाहिए
इतना दो नम्बरी धन कैसे होगया इनकम टेक्स ने अपना काम ठीक से नहीं किया न
उत्कृष्ट विश्लेषण
Bilkul sahi sir.aapko bahot bahot dhanywad
देश विनाश कि तरफ जा रहा है जिस देश का युवा अपनी जमिर बेच कर सत्ता के सामने अपने विचारो को ताख पर रख । पार्टी की विचारधाराओ का गुलाम होगा उस देश का हाल यही होना है
हमेशा की तरह शानदार लेख
क्या क्या हो रहा है!
क्या ये ही आजादी है?
हमको लूटने वाले पहले दूसरे देश के थे जिनकी हम कॉलोनी थे पर आज तो हमारे देश के लोग ही हमको लूट रहे है।
15 अगस्त और 26 जनवरी के अर्थ क्या है?
क्या इसका कोई इलाज नही?
अगर कोई सक्रिय राजनीति में आजाता है तो फिर वो भी वैसा ही हो जाता है केजरीवाल इसका उदाहरण है।
अब जब कोई और आएगा तो कैसे उसका विश्वास किया जाएगा?
Prusan sir bhi media ka hissa the kabhi kya kiya gaya inke saath ye jaante hain naa aap ... Puri media sarkar ki chamchi hai aur hamesa rahegi
कोंग्रेस और भाजपा एक ही थैली के चटै बटै है दोनो के अपने अपने अंध भक्त है देश के बारे में कोई नहीं सोचता सब स्वार्थी होकर अपना अपना हित साधने में लगे है अपनी अपनी औक़ात और जगह के हिसाब से
कुछ अपवादों को छोड़ दे तो लोकतंत्र के चारों स्तम्भ बहुत पहले ही धराशायी हो चुके है
भविष्य अंधकारमय है
आज की राजनीति का सत्य विश्लेषण
Nice आप सदा ऐसे लिखते rahe
Fantastic analysis sir,when we will see in digital media sir.
V.nice. Go Ahead.
पुण्य प्रसून वाजपेयी जी आप ने जो भी लिखा ये एक एक शब्द सच्चा है. पर कार्यवाही करे कौन.... ये नही पता है...... अजय वालिया (आम आदमी) मंडावली एक्सटेंशन बी ब्लाक ईष्ट दिल्ली...
सबको पता है कि नेता लोग क्या करते हैं पर कोई कुछ नही कहता क्योंकि सबको बाईट चाहिए। माल्या पहले भारत के माननीय संसद थे तो निश्चित तौर पर भारतीय रहे होंगे।पर एकाएक भारत छोड़ने के बाद इंग्लैंड के नागरिक हो जाते हैं और भारत को उन्हें वापस लाने के लिए कितने नाटक करने पड़ते हैं। भारत में जो राजा है उसके सारे गुनाह माफ है। आज कोई भी मीडिया हाउस इस बारे में बात नही करता कि जेटली और माल्या की मुलाकात की जांच होनी चाहिए। जांच तो जेटली जी पर पहले दिल्ली क्रिकेट संघ और अन्य मामले में भी नही हुई यदि हुई भी
होगी तो सबको क्लीनचिट मिल गई होगी।।कांग्रेस भी अपनी औपचारिकता निभा कर चुप हो जाएगा।जैसे राफेल डील पर अब कोई चर्चा नही होती। सब बिके हुए हैं सर।भारत घपलों का देश है और आगे भी रहेगा क्योंकि इस देश में अंधभक्तों की कमी नही। देशद्रोही तो एक ढूंढो हज़ार मिलेंगे बस पैसा या पद मिलना चाहिए। प्रसून जी अब आप स्वतंत्र हैं कृपया निष्पक्ष रूप से अपने विचार रहें पक्षपात रहित। सिर्फ मोदी विरोध जे नाम पर दूसरों का समर्थन नही होना चाहिए।सारे नेता वही हैं और उनपर कोई बात तबतक नही करेगा जब तक वो माल्या जैसा कोई कांड नही कर दें। कृपया पेट्रोल डीजल की बात करें।देखियेगा जैसे ही चुनाव आएगा मोदी जी लॉलीपाप पकड़ा देंगी।उससमय एक्साइज भी कम होगी और कीमत भी।क्योकि देश की जनता की स्मरण शक्ति काफी कमजोर होती है और वो सब भूल जाते हैं। इसी का फायदा नेता उठाते हैं।
દેશ ના પૈસા તો દેશમાં જ છે 2019 ની ચૂંટણી પછી 2000 ની રદ કરી ને 4000 ની છાપશુ.....
बाजपैई जी मै चाहुँगा की आप अपनी बात video ब्लोग के जरिये भी रखे. जैसे अभिसार शर्मा जी youtube और thewire के जरिये अपनी बात पहुचाते है. जनता को अभी और जागरूक करना ज़रूरी है
हम बचाते रह गए
दीमक से अपना घर
कुर्सियों के चन्द कीड़े
सारा मुल्क खा गए
If there is any issue with your HP printer, like not printing black, paper jam or troubleshooting issues, then get in touch with HP Support team for instant solution. Just dial toll free HP Printer Support Number +1-855-209-9333 for instant support.
You may visit at https://www.hp-helpnumber.com/hp-printer-support/
HP Support
HP Customer Service
HP Technical Support
HP Customer Support
HP Printer Support
HP Printer Customer Service
[url=https://www.hp-helpnumber.com/]HP Support[/url]
[url=https://www.hp-helpnumber.com/hp-printer-support/]HP Customer Service[/url]
[url=https://www.hp-helpnumber.com/hp-printer-support/]HP Printer Support[/url]
How To Crack & Clear Govt Job Exams
If you are preparing for any Govt job then this is only for you for all Math English Reasoning GK and many more Content is available here
For more help Click at below link.
Average Tricks & Tips https://www.youtube.com/playlist?list=PLshfCk8KrJhDzgEW2VtU6QT4sdFSkX3ni
Math & Reasoning https://www.youtube.com/playlist?list=PLshfCk8KrJhDbCFRJwv8WAj-e-6YpmY6u
Ratio and Proportion Tricks & Tips https://www.youtube.com/playlist?list=PLshfCk8KrJhDM04M2LsXAJmh5yxZnkmv_
Problem Based on Ages https://www.youtube.com/playlist?list=PLshfCk8KrJhAWd1jbCNOxByIJifhLKSGB
Average
Math & Reasoning
Ratio & Proportion Shortcuts
Problems Based on Ages & Ages Problems Tricks
HP Printer Support
Hp Printer Support Number
Hp Printer Support Phone Number
Hp Printer Tech Support
Hp Printer Tech Support Number
Hp Printer Tech Support Phone Number
Hp Printer Customer Support
Hp Printer Customer Support Number
Hp Printer Customer Support Phone Number
Hp Printer Customer Service
Hp Printer Customer Service Number
Hp Printer Customer Service Phone Number
Hp Printer Technical Support
Hp Printer Technical Support Number
Hp Printer Technical Support Phone Number
Hp Printers Support
प्रसून जी, आपकी लेखनी और सोच देश के लिए बेहतरीन है। सरकार में जो बैठ जाता है वह हमेशा बने रहने, अपने को ईमानदारी से लबालब दर्शाने का दिखावा ताल ठोक कर करता है। संविधान की धज्जियाँ जिस तरह वर्तमान सरकार ने उढ़ाई हैं, काबिले गौर हैं। ऐसी कोई सरकारी संस्था बची नहीं जिसका दुरूपयोग नहीं किया गया हो। दोष सिर्फ सरकार का ही नहीं है, इसमें मीडिया सबसे ज्यादा जिम्मेदार है। इंदिरा गाँधी के समय लगाया गया आपातकाल में मीडिया इतना कमजोर या समझौता वादी नहीं था। खैर, 2019 देखने के बाद जानकारी होगी कि देश की जनता भी क्या यही चाहती है ?
Nice CONTENT
HP phone number or email specific to your HP Products including Service Locations and Check repair for HP Customer Support, You can also use our online troubleshooting services to get HP Customer Care, HP Technical Support Number +1-800-608-2315.
https://www.realprinterfix247.us/customer-support/
Thank you for sharing the information. It was exactly nice.
Hp Printer Support |
Webroot Support |
Brother Printer Support |
Quicken Support |
Quicken Support |
Quickbooks Support
HP Customer Service is An Independent Technical Support Services for Printer, Antivirus, Email, Windows, Mac, OS, Facebook, Apple Products and Onsite Support services. For any HP tech support, call on our toll-free HP Laptop Support Number (+1)-800-983-6915 anytime to get an instant support experience for your HP Laptop or PC.
HP Customer Support
HP Printer Customer Service
HP Customer Support Phone number
HP Customer Service
HP Customer Help Number
HP Customer Service Toll Free Number
Post a Comment